रूद्रपद और ब्रह्मापद में श्रद्धालुओं ने किया कर्मकांड

जागरण संवाददाता, गया : कर्मकांड के मुख्य स्थल के रूप में भगवान श्रीहरि विष्णु के चरण हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Sep 2018 07:50 PM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 07:50 PM (IST)
रूद्रपद और ब्रह्मापद में श्रद्धालुओं ने किया कर्मकांड
रूद्रपद और ब्रह्मापद में श्रद्धालुओं ने किया कर्मकांड

जागरण संवाददाता, गया : कर्मकांड के मुख्य स्थल के रूप में भगवान श्रीहरि विष्णु के चरण हैं। देव परिधि का यह केंद्र बिंदु है। जहां अन्य वेदियों का विस्तार है। श्रीहरि विष्णु चरण परिसर में 16 वेदियां हैं। छठे दिन यानी शनिवार को रूद्रपद और ब्रह्मापद पिंडवेदी पर कर्मकांड को लेकर पिंडदानियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। ब्राह्माणों के मंत्रोच्चरण के साथ कर्मकांड कराने कार्य किया जा रहा था। सुबह होते ही पिंडदानी फल्गु नदी में स्नान एवं तर्पण कर हाथ में कर्मकांड की सामग्री लेकर विष्णु चरण परिसर में आने लगे। देखते-देखते वेदी पिंडदानियों से पट गया। सातवें दिन का कर्मकांड धर्मशिला पिंडवेदी पर होगा। विष्णुपद परिसर में ही उक्त वेदी के अतिरिक्त 16 वेदी हैं।

उत्तर प्रदेश से आए पिंडदानी इंद्रदेव नारायण ने कहा कि सातवें दिन का कर्मकांड रूद्रपद और ब्रह्मापद किया है। दोनों पिंडवेदियों पर कर्मकांड कर मन को काफी शांति मिल रही है। क्योंकि जो कर्मकांड हो रहा वह भगवान श्रीहरि के समक्ष हो रहा है। सभी 16 पिंडवेदी हाथी के आकार के हैं। पिंडदानी पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए कर्मकांड करने के बाद पिंड के विष्णुचरण में अर्पित कर रहे थे।

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