दाउदनगर अनुमंडलीय अस्‍पताल में 15 अगस्‍त को नहीं हो सका आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन, जानिए क्‍यों

दाउदनगर अनुमंडलीय अस्पताल में आक्सीजन प्लांट अभी तक तैयार नहीं हो सका है। 15 अगस्त को इसका उद्घाटन होना था। बताया गया था कि देश में एक साथ कई आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन होना है इसमें इस अस्‍पताल का आक्‍सीजन प्‍लांट भी शामिल है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 07:20 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 07:56 AM (IST)
दाउदनगर अनुमंडलीय अस्‍पताल में 15 अगस्‍त को नहीं हो सका आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन, जानिए क्‍यों
सुस्‍त चाल से चल रहा आक्‍सीजन प्‍लांट का निर्माण, सांकेतिक तस्‍वीर।

दाउदनगर (औरंगाबाद), संवाद सहयोगी । दाउदनगर अनुमंडलीय अस्पताल में आक्सीजन प्लांट अभी तक तैयार नहीं हो सका है। 15 अगस्त को इसका उद्घाटन होना तय बताया गया था।

स्वयं डीएम ने भी पिछले पखवारा में इसका निरीक्षण किया था। तब बताया गया था कि देश में एक साथ कई आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन होना है। इसमें इसे भी शामिल किया गया है। लेकिन, आक्सीजन प्लांट अब तक तैयार नहीं हुआ है। निर्माण कार्य आधा अधूरा है और कई उपकरण आना शेष है। ऐसे में रविवार को इसका उद्घाटन नहीं होगा।

शुक्रवार को निर्माण स्थल पर जो जानकारी मिली उसके अनुसार यहां आधारभूत संरचना लगभग तैयार होने की स्थिति में है। यहां मौजूद एक कर्मी ने बताया कि 19 अगस्त तक काम पूरा हो जाने की संभावना है। प्लांट चलाने के लिए स्पेशल ट्रांसफर अलग से मिल गया है। बिजली कनेक्शन होना प्लांट तक बाकी है। अभी पीएसए प्लांट आया भी नहीं है। स्वाभाविक है कि इससे बाटङ्क्षलग का कार्य नहीं हो सकेगा। साउंडलेस जनरेटर अभी तक नहीं आया है। अभी तक शेड भी नहीं बनाया गया है।

लागत 20 लाख, क्षमता 250 लीटर प्रति मिनट

प्राप्त जानकारी के अनुसार, करीब 20 लाख रुपये की लागत से यहां 250 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता का आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। 75 बेड का यह अस्पताल है। आक्सीजन प्लांट निर्मित हो जाने के बाद 55 बेड तक आक्सीजन की जरूरत यहीं से पूरी हो जाएगी। यहां आक्सीजन सप्लाई के 55 आउटलेट लगे हुए हैं। इसमें आपरेशन थिएटर, इमरजेंसी, एनबीएसई और प्रसव कक्ष में आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी।

बस मानीटरिंग करना काम : डा: राजेश

इस पूरे मामले में पूछे जाने पर अनुमंडल अस्पताल के अधीक्षक डा राजेश कुमार ङ्क्षसह ने बस इतना कहा कि जिला स्तर से कार्य चल रहा है। मानीटङ्क्षरग के लिए कहा गया है। वह मानीटङ्क्षरग करते हैं और वस्तु स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत करा देते हैं। इससे अधिक उनकी कोई भूमिका नहीं है।

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