अब तीन कंपनियों को सौंपी गई डोभी-गया-पटना हाईवे के निर्माण की जिम्मेदारी

-देरी के कारण 27 से 55 सौ करोड़ पहुंची लागत नए साल में निर्माण कार्य होगा शुरु ---------- -भूमि अधिग्रहण के लिए तीनों जिलों को दिए गए 31 सौ करोड़ रुपये -वर्ष 2014 में भी शुरु हुआ था निर्माण कार्य दो साल बाद ही हो गया था बंद ------------- -2022 तक कार्य पूरा होने पर गाड़ियां फर्राटे भरने लगेंगी -127 किमी डोभी-पटना सड़क की है दूरी -109 किलोमीटर हो चुका है भूमि अधिग्रहण --------- जागरण संवाददाता गया

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 02:24 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 02:24 AM (IST)
अब तीन कंपनियों को सौंपी गई डोभी-गया-पटना हाईवे के निर्माण की जिम्मेदारी
अब तीन कंपनियों को सौंपी गई डोभी-गया-पटना हाईवे के निर्माण की जिम्मेदारी

गया । एक बार फिर डोभी-गया-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग-83 का निर्माण शुरू होने की उम्मीद जगी है। नए साल 2020 में निर्माण कार्य शुरू होगा और सब कुछ ठीक रहा तो 2022 तक गाड़ियां फर्राटे भरने लगेंगी। अब सड़क के निर्माण का जिम्मा तीन कंपनियों को सौंपा गया है। 127 किलोमीटर लंबी सड़क पर करीब 55 सौ करोड़ रुपये की लागत आएगी। हालांकि, 2014 में 27 सौ करोड़ रुपये का प्राक्कलन था। देरी के कारण लागत दोगुनी हो गई है।

वर्ष 2014 में सड़क निर्माण करने के लिए आइएलएफएसएल हैदराबाद कंपनी को कार्य सौंपा गया था, लेकिन कुछ तकनीकि कारणों से कंपनी ने दो वर्ष में 109 किलोमीटर में मात्र नौ प्रतिशत ही कार्य कर छोड़ दी। इसके बाद से निर्माण कार्य बंद पड़े है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढ़े बने हुए हैं, जो दुर्घटनाओं के कारण बन रहे हैं।

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भूमि अधिग्रहण की राशि

बढ़कर 31 सौ करोड़ हुई

गया, जहानाबाद और पटना जिले में 127 किलोमीटर लंबा सड़क निर्माण होना है। इनमें 109 किमी में भूमि अधिग्रहण कार्य पूरा हो गया है। पहले भूमि अधिग्रहण के लिए 750 करोड़ रुपये निर्धारित था। वर्षो गुजर जाने के कारण प्राक्कलन को रिवीजन किया गया है। नये प्राक्कलन में भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा की राशि को बढ़ाकर करीब 31 सौ करोड़ किया गया है। इनमें तीनों जिले को भूमि अधिग्रहण करने के लिए 25 सौ करोड़ रुपये भुगतान कर दिया गया है। 22 सौ करोड़ रुपये लाभार्थियों के बीच वितरित भी कर दिए गए हैं। शेष राशि को जल्द ही तीनों जिले के भू-अर्जन विभाग को भेजा जाएगा।

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तीन कंपनियों को

सौंपी गई जिम्मेदारी

वित्तीय वर्ष 2019-20 में नये सिरे निविदा निकाली गई। कई बार प्रयास के बाद भी कोई बड़ी कंपनी सड़क निर्माण कराने के लिए तैयार नहीं हुई। फिर भू-परिवहन मंत्रालय ने 127 किलोमीटर सड़क निर्माण कराने के लिए तीन भाग में बांटकर निविदा निकाली। नये प्राक्कलन में पटना के जीरो माइल से 39 किलोमीटर, 39 से 83 एवं 83 से 127 किलोमीटर तक अलग-अलग कंपनी सड़क का निर्माण करेगी। इन कंपनियों को दो वर्षो में 2022 तक निर्माण पूरा करना होगा।

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65 किमी सड़क की

हो रही मरम्मत

जब तक नये संवेदक द्वारा सड़क निर्माण का कार्य शुरु नहीं किया जा रहा है तब तक पटना से मसौढ़ी, जहानाबाद, मखदुमपुर, गया के बेलागंज व बारा के पास सड़क की मरम्मत की जा रही है। 65 किलोमीटर मरम्मत का कार्य करना है। इसी तरह 41 किलोमीटर तक सड़क के स्कैप यानि टूटी सड़क के मलबे को हटना है। इन दोनों कार्यो के लिए विभाग ने पहले ही निविदा निकाल चुकी है। इस पर काम चल रहा है।

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फिलहाल टूटी सड़क की मरम्मत की जा रही है। नये सिरे से सड़क निर्माण कराने के लिए निविदा निकालने के बाद कार्य अंतिम चरण में है। विभागीय स्वीकृति के बाद नये वर्ष 2020 में सड़क निर्माण का कार्य शुरु होगा। उन्होंने भू मालिक से सड़क निर्माण में सहयोग करने का आग्रह किया है।

बीआर पांडेय, एनएचआई-83 के परियोजना निदेशक

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