नवादा में नौ साल के बच्चे का अपहरण, पिता ने कहा- पुलिस नहीं कर रही है थोड़ी भी मदद
नवादा में नौ साल के बच्चे के अपहरण का मामला सामने आया है। ट्रक चालक के बेटे के अगवा होने के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया। वहीं पीड़िता पिता ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
नवादा, संवाद सहयोगी। जिला मुख्यालय से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरकारी आइटीआइ के समीप ट्रक ड्राइवर सुनील कुमार के नौ वर्षीय बेटा अंशु कुमार का अपहरण कर लिया गया। इस मामले में पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आरोप लगाते हुए स्वजनों व ग्रामीणों ने आइटीआइ के समीप नवादा-बिहार मुख्य पथ को जाम कर दिया। अपहृत बालक के पिता ने बताया कि शनिवार को दिन में दस बजे बेटा अंशु घर के पास साइकिल चला रहा था। इसके बाद से वह गायब हो गया, जबकि साइकिल सड़क किनारे गिरी हुई मिली। अप्रिय वारदात की संभावना के मद्देनजर शाम में छह बजे मुफस्सिल थाना पहुंचे। लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
पुलिस पर लगाया संगीन आरोप
अपहृत के पिता ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाया और कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जब वे थाना पहुंचे तो पुलिस पदाधिकारी ने यह कहकर भेज दिया कि तुम्हारा बेटा गायब हुआ है, तुम खुद उसे खोजो। अगले दिन शनिवार की सुबह पहुंचे तो डांट-फटकार कर भगा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे मामले में पुलिस लापरवाह बनी हुई है। अगर समय रहते तलाश शुरू कर दी जाए तो बेटा बरामद हो सकता है।
जमीन रजिस्ट्री नहीं करने पर अपहरण
ट्रक ड्राइवर सुनील ने बताया कि उन्होंने वीआइपी कालोनी में एक कट्ठा जमीन बेच रहे हैं। उसी मोहल्ले के मनोज सिंह और बबलू सिंह से 45 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। उन लोगों ने अभी 11 लाख 60 हजार रुपये भुगतान किया है और इतने में रजिस्ट्री करने का दबाव बना रहे हैं। जमीन नहीं देने पर उन दोनों ने ही बेटे को अगवा कर लिया है। इसमें मेरे एक पड़ोसी ने उनकी मदद की है।
पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी
सड़क जाम कर रहे लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। लोगों ने अपहृत की सकुशल बरामदगी की मांग की है। लोगों का कहना है कि तीन लोगों पर शंका व्यक्त की जा रही है। पुलिस तत्काल हरकत में आकर उन्हें पकड़ कर पूछताछ करे तो अपहृत बालक बरामद हो सकता है। लेकिन पुलिस शिथिल पड़ी हुई है। समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम है। मौके पर पुलिस नहीं पहुंची है।