प्रेमी युगल की दर्द भरी कहानी सुन रेल थानाध्यक्ष ने कहा- थाने में करा दो शादी

दरभंगा की रहने वाली अंशु की शादी मां ने जबर्दस्ती गूंगे बहरे से करा दी, फिर मां उसे देह व्यापार में धकेलना चाहती थी लेकिन उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसे सूरज का साथ मिला।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 09 Dec 2016 12:56 PM (IST) Updated:Sat, 10 Dec 2016 10:38 PM (IST)
प्रेमी युगल की दर्द भरी कहानी सुन रेल थानाध्यक्ष ने कहा- थाने में करा दो शादी

पटना [जेएनएन]। एक लड़की की मां ने जबर्दस्ती अपनी बेटी की शादी मूक बधिर लड़के से करा दी और उसके बाद वह उसे पाप की दलदल में धकेलना चाहती थी। लेकिन वह भाग निकली और अपने रिश्तेदार की मदद से अहमदाबाद पहुंच गई जहां उसकी मुलाकात सूरज से हुई।

सूरज से उसकी जान-पहचान हुई फिर दोस्ती हुई और प्यार हो गया। उसने सूरज से अपनी आपबीती सुनाई तो सूरज ने उसका जीवन भर साथ देने का वादा किया। दोनों ने अपने प्यार को शादी के बंधन में बांधने का फैसला किया लेकिन इसमें तमाम अड़चनें थीं।

रेल पुलिस ने करा दी प्रेमी युगल की शादी

दोनों अहमदाबाद से गया आए तो रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को दोनों पर शक हुआ। जीआरपी को दोनों ने अपनी कहानी बताई तो पुलिस को भी दोनों की प्रेम कहानी सुनकर दया आ गयी और जीआरपी थाने में ही प्रेमी युगल की शादी रचाई गई।

रेल थानाध्यक्ष परशुराम सिंह, महिला हेल्पलाइन कर्मी थाने के अन्य कर्मियों सहित कई लोग शादी में शरीक हुए और लोगों ने दोनों को आशीर्वाद दिया। शादी के मौके पर युवक के परिजन भी मौजूद थे। दरभंगा की रहने वाली युवती अंशु कुमारी की शादी गया के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के भुसुंडा बाला पर निवासी सूरज कुमार से संपन्न हुई। वरमाला डालकर दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसम खाई।

मां ने जबर्दस्ती गूंगे-बहरे से करा दी थी शादी

युवती ने पुलिस के सामने अपनी आपबीती सुनाई और बताया कि दरभंगा के बहेरी थाना क्षेत्र के सुसारी मंदिर मुहल्ले की रहने वाली युवती अंशु कुमारी की 2015 में शादी हुई थी। लड़का मूक बधिर था जैसा युवती ने बताया। उसकी मां उसे गलत काम में धकेलना चाहती थी। लड़की ने गलत काम का विरोध किया।

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2015 में हुई थी लड़की की पहली शादी

मां के दबाव में गूंगे -बहरे पति के साथ रहने को मजबूर अंशु ने पाप की दलदल से निकलने के लिए पति के बहनोई से मदद मांगी। मदद के नाम पर वह अंशु को भगाकर वह अहमदाबाद ले गया। वह अंशु को अहमदाबाद में ही अकेला छोड़कर भाग गया। पड़ोस में रहने वाले सूरज से उसकी जान-पहचान हुई और उसने अंशू की मदद की।

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अंशु सूरज से कर बैठी प्यार

अंशु और सूरज की दोस्ती हो गई और अंशु ने पड़ोसी सूरज को अपनी आपबीती बताई। फिर दोनों एक साथ रहने लगे। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ी् और दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे। अपने प्यार को नाम देने दोनों गया आ गए और स्टेशन पर ही जीआरपी ने दोनों की प्रेम कहानी सुनी और थाने में दोनों की शादी करा दी।

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