Gaya panchayat chunav 2021: गया में चुनाव जीतना आसान नहीं, जानिए उम्मीदवारों से क्या कह रहे मतदाता

इस बार मतदाता पांच साल के कार्यों का हिसाब मांग रहे हैं। कहीं नल से जल नहीं निकल रहा जल तो कहीं टंकी बनाए बगैर योजना पास हो गई है। नाराज मतदाताओं ने इंदिरा आवास शौचालय के साथ राशन कार्ड को इस बार मुद्दा बनाया है।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 03:16 PM (IST)
Gaya panchayat chunav 2021: गया में चुनाव जीतना आसान नहीं, जानिए उम्मीदवारों से क्या कह रहे मतदाता
गया में पंचायत चुनाव को ले वहां के मतदाताओं में हलचल

 संवाद सूत्र मोहनपुर : गया जिले के मोहनपुर प्रखंड के 18 पंचायतों में चुनावी हलचल चरम पर है। सड़क किनारे जिला परिषद, मुखिया, वार्ड सदस्य से लेकर पंच, सरपंच व पंचायत समिति सदस्य तक के पोस्टर-बैनर लग चुके हैं। वाहनों से जिंदाबाद के नारे गूंज रहे हैं। काेई मुखिया जिला परिषद उम्मीदवार के साथ जुड़कर प्रचार कर रहा है, तो काेई वार्ड सदस्य मुखिया के साथ जुड़कर प्रचार कर रहा है। कहीं, नेताजी समर्थकों के साथ मतदाताओं के बीच कैलेंडर और हैंडबिल बांट रहे हैं, तो कहीं नेताजी बैठक कर नाश्ते और भोजन के साथ चुनावी सभा कर रहे हैं। 

पांच साल में किए गए कार्यों का नौजवान मांग रहे हिसाब

नौजवान समर्थक ग्रुप बनाकर ऑनलाइन प्रचार कर रहे हैं। लेकिन, मतदाता पांच साल में होने वाले कार्यों का हिसाब मांग रहे हैं।

किसी पंचायत में नल से नहीं निकल रहा जल, तो कहीं टंकी बनाए बगैर योजना पास हो गई है। नाराज मतदाताओं ने इंदिरा आवास, शौचालय के साथ राशन कार्ड को इस बार मुद्दा बनाया है। बड़ी संख्या में लोगों की शिकायत राशन कार्ड से नाम काटने, शौचालय और इंदिरा आवास नहीं मिलने की है। हर आदमी की जुबान पर नल-जल में घोटाला आम बात है। सड़क किनारे नल का पाइप फटा है। कहीं नाली में पाइप फटा होने से गंदा पानी प्रवेश हो रहा है। इस कारण लोग पानी का पीने के लिए उपयोग नहीं कर रहे हैं।

प्रखंड के 18 पंचायत में सभी प्रत्याशी अपनी ताकत पूरी तरह से लगा चुके हैं। सभी प्रत्याशी मतदाताओं के पास पहुंच रहे हैं और अपना चुनाव चिन्ह दिखा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। इधर बहुत सारे पंचायत में मतदाता भी साइलेंट होकर यह देख रहे हैं कि हमारा पंचायत का विकास कौन प्रत्याशी कर सकता है। उसकी तलाश में लगे हुए हैं।

मोहनपुर प्रखंड में 1992 पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में

कई मतदाताओं ने कहा कि 5 साल के लिए हमलोग किसी को भी पद का अधिकारी तो बना देते हैं। लेकिन पद ग्रहण करने के बाद वो लोग क्षेत्र के विकास के बारे में नहीं सोचते हैं। वो सभी खुद के आर्थिक विकास के बारे में सोचते हैं। हालांकि ऐसे प्रतिनिधियों को मतदाता मुंहतोड़ जवाब भी दे रहे हैं। बताते चलें कि मोहनपुर प्रखंड में 1992 विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में है।

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