Gaya News: शिक्षा के लिए जागरूक हुईं गया के बेटियां, स्कूलों में लड़कों से ज्यादा हुई लड़कियों की संख्या

बिहार के गया में अब लड़कियां पढ़ाई के प्रति जागरूक हो रही हैं। घरों से निकल कर अब वो अच्छी शिक्षा हासिल करने में लगी हैं। गया के सरकारी विद्यालयों में लड़का के अपेक्षा लड़कियों की संख्या बढ़ गई।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 01:21 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 01:21 PM (IST)
Gaya News: शिक्षा के लिए जागरूक हुईं गया के बेटियां, स्कूलों में लड़कों से ज्यादा हुई लड़कियों की संख्या
गया में सरकारी स्कूलों में बढ़ी लड़कियों की संख्या। सांकेतिक तस्वीर

जागरण संवाददाता, गया। चार दशक पूर्व गांव की कुछ ही बेटियां शिक्षा ग्रहण करने स्कूल जाती थी। अधिकांश बेटियां अपने माता-पिता के काम में साथ देकर समय बीता देती थी । लेकिन आज काफी बदलाव आया। बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर विद्यालय तक लाने का श्रेय बिहार शिक्षा परियोजना का है। परियोजना ने बेटियों को पढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू किया। सांस्कृतिक टीम के माध्यम से जिले के हर गांव के गली-गली में जाकर ढोलक-झाल के ध्वनि पर गाया गया गीत हमार मुनिया पढ़े चल स्कूलिया हमार मुनिया। इस गीत के मधुर ध्वनि ने माता-पिता को इतना प्रभावित किया कि वे अपने बेटी को सरकारी स्कूल में नामांकन कराकर नियमित स्कूल भेजना शुरू कर दिए। जिसका ही परिणाम है कि आज सरकारी विद्यालयों में लड़का के अपेक्षा लड़कियों की संख्या बढ़ गई। गया जिला के 3105 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में 327128 छात्र एवं 340716 छात्रा नामांकित हैं। यानि बेटों के अनुपात 13588 बेटियां अधिक पढ़ रही हैं।

छात्रवृति एवं पोषक योजना भी बेटियों के लिए कारगर

बेटियों में शिक्षा ग्रहण करने की लगन काफी है। वह पढ़ लिखकर किसी भी अधिकारी के कुर्सी पर आसीन होना चाहती । इसके लिए वह काफी मेहनत भी कर रही है। लेकिन आर्थिक मजबूरी के वजह बेटियां की सारी प्लाङ्क्षनग विफल हो जाते थे। इसी बीच मुख्यमंत्री पोषक एवं छात्रवृति योजना शुरू हुई।पुस्तक भी मिलने लगा। उसके बाद बेटियों में नई ताजगी आ गई। स्कूल ड्रेस पहनकर बेटियां प्रतिदिन विद्यालय जाना शुरू कर दिए। इमामगंज प्रखंड के सोहया गांव के बेटी पूनम कुमारी सरकारी विद्यालय में पढ़कर सिवान थाना में एसआई के पद तैनात है। वह बताती है कि मेहनत से पढ़ाई करने पर सरकारी विद्यालय की बेटियां भी अधिकारी की कुर्सी पर बैठने में कामयाब हो सकती है। 

जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम का कहना है कि सरकारी विद्यालय में छात्र से ज्यादा छात्रा पढ़ रही है। छात्रा को किसी तरह के परेशानी नहीं हो इसका पुरा ख्याल रखा जाता है। सरकार द्धारा चलाई जा रही सारे योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और हमारा प्रयास है कि बेटियां उच्च शिक्षा हासिल करें।

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