नवादा में यूरिया खाद को लेकर चल रहा बड़ा खेल, 500 रुपये बोरी खाद खरीदने को मजबूर हैं किसान

नवादा में बारिश के बाद किसानों को यूरिया खाद की जरुरत है। अब बाजार के अधिकृत विक्रेता यूरिया नहीं रहने की बात कह किसानों को टरकाने लगे। संकट के बीच 450 से 500 रुपये प्रति बैग विक्रेता किसान को यूरिया उपलब्ध करा रहे हैं।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 07:36 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 07:36 AM (IST)
नवादा में यूरिया खाद को लेकर चल रहा बड़ा खेल, 500 रुपये बोरी खाद खरीदने को मजबूर हैं किसान
यूरिया की किल्लत से नवादा के किसान परेशान। सांकेतिक तस्वीर

संसू, वारिसलीगंज(नवादा)।  वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र में शनिवार की शाम रात से रविवार की सुबह तक अच्छी बारिश हुई। इसके बाद बाजार में यूरिया की कीमत आसमान छूने लगी है। काफी मश्क्कत बाद 266 रुपये प्रति बोरी मूल्य का यूरिया 450 से 500 रुपये में मुश्किल से मिल रही है। विस्कोमान कार्यालय में यूरिया समाप्ति का बोर्ड लटक रहा है। ऐसी स्थिति में रबी उत्पादक किसान परेशान है। संबंधित महकमे के अधिकारी साफ शब्दों में कहते हैं कि यूरिया उपलब्ध नहीं है। जब होगी तब सूचना दी जाएगी। क्षेत्र के किसानों को जब जब उर्वरक की आवश्यकता होती है, विस्कोमान के अधिकारी हाथ खड़े कर देते हैं। बारिश बाद क्षेत्र के किसानों को अपनी फसलों (खासकर गेहूं) में डालने के लिए यूरिया की आवश्यकता आन पड़ी है।

किसान बाजार में यूरिया लेने पहुंच गए। अब बाजार के अधिकृत विक्रेता यूरिया नहीं रहने की बात कह किसानों को टरकाने लगे। संकट के बीच 450 से 500 रुपये प्रति बैग विक्रेता किसान को यूरिया देकर एहसान कर रहे हैं। अनाधिकृत दुकानों पर इफ्को कंपनी की यूरिया खाद बिक्री होते देखी गई। बिस्कोमान, व्यापार मंडल व पैक्स के माध्यम से वितरित की जाने वाला इफ्को यूरिया खाद बाजार में कैसी बिक रही है ये तो जांच का विषय है।

जब-जब होती है जरूरत हो जाती है किल्लत

वारिसलीगंज चीनी मिल बंद होने के बाद क्षेत्र के किसान पूर्ण रूप से धान एवं गेहूं उत्पादन पर निर्भर हो गए हैं। पैक्स की पेचीदगियों में नहीं पड़कर छोटे एवं मंझोले किसान अपनी फसलों को औने पौने कीमत पर व्यापारियों या फिर बिचौलियों के हाथों बेच देते हैं। मकनपुर ग्रामीण किसान कुंदन कुमार, सुनील सिंह, टिंकू सिंह, बब्लू सिंह, मनोज सिंह, कुटरी ग्रामीण बैजनाथ शर्मा, बेलधा ग्रामीण सीताराम सिंह आदि लोग कहते हैं कि किसानों को जब-जब जरूरत होती है सरकारी उपक्रम बिस्कोमान में यूरिया या अन्य उर्वरक समाप्त हो जाती है।

बिस्कोमान में शनिवार को ही समाप्त हो चुका है यूरिया

प्रखंड कृषि पदाधिकारी पवन कुमार कहते हैं कि बिस्कोमान में पिछले कुछ दिनों से यूरिया किसानों को उपलब्ध कराई जा रही थी। शनिवार को वितरण बाद ही यूरिया समाप्त हो गया। नगर के कुछ दुकानदारों के पास यूरिया उपलब्ध है। जिसे सरकारी कीमत 266 रुपये प्रति बैग बिक्री करना है। उक्त दुकानों पर कृषि कर्मियों को तैनात किया गया है।

दो दिन पूर्व प्रखंड मुखिया संघ की बैठक में जिलाधिकारी से उर्वरक समेत धान खरीद में पैक्स की मनमानी एवं राशि भुगतान में विलंब पर रोष प्रकट करते हुए किसानों की समस्या सुलझाने की मांग हुई थी। संघ अभी आंदोलन की सोच ही बनाया था कि बारिश हुई और रबी फसलों को यूरिया की आवश्यकता आन पड़ी है। जबकि विस्कोमान गोदाम में उर्वरक का स्टाक नील बताया जा रहा है। इसे ही कहते हैं दवा जितना हुआ मर्ज उतना अधिक बढ़ गया

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