बीडीओ ने अनुपस्थित शिक्षक की काटी हाजिरी

गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने सोमवार को मध्य विद्यालय अंगरा और प्राथमिक विद्यालय कर्पूरीनगर पहुंचे। यहां कोविड-19 के वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया था। औचक निरीक्षण में प्राथमिक विद्यालय कर्पूरी नगर बंद मिला।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 11:55 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 11:55 PM (IST)
बीडीओ ने अनुपस्थित शिक्षक की काटी हाजिरी
बीडीओ ने अनुपस्थित शिक्षक की काटी हाजिरी

गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने सोमवार को मध्य विद्यालय अंगरा और प्राथमिक विद्यालय कर्पूरीनगर पहुंचे। यहां कोविड-19 के वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया था। औचक निरीक्षण में प्राथमिक विद्यालय कर्पूरी नगर बंद मिला। वहां पर उपस्थित ग्रामीणों से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि गुरुवार को कुछ देर के लिए विद्यालय खुला था इसके बाद लगातार बंद है। उक्त आरोप की पुष्टि विद्यालय के रसोइया ने किया है। इसी बीच बीडीओ मध्य विद्यालय अंगरा पहुंचे। जहां पर वैक्सीनेशन के लिए एएनएम पहुंची थीं। विद्यालय में सिर्फ एक शिक्षक अशोक कुमार उपस्थित थे। बीडीओ ने विद्यालय के शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर की जांच की जिसमें महिला शिक्षक तबस्सुन परवीन पांच जनवरी से अभी तक बिना सूचना के अनुपस्थित थीं। विद्यालय प्रधानाध्यापक केदार चौधरी भी 12 जनवरी से नहीं आए हैं। इनके बारे में कोई जानकारी शिक्षक नहीं दे पाए। इनकी हाजिरी को काट दिया गया है। बीडीओ ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से जांच कर रिपोर्ट मांगी है। बीडीओ में कहा कि शिक्षक का बगैर सूचना के गायब रहना और विद्यालय बंद रहना गलत है। इन सभी शिक्षकों का कारण के प्रति जवाब समय पर नहीं मिलने पर प्रखंड नियोजन समिति के पास इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संचिका भेजी जायेगी। पर्यावरणीय चिता ने जैव ईधन के इस्तेमाल के लिए किया प्रेरित

टिकारी। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के बायोटेक्नोलाजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. नीतीश कुमार की पुस्तक 'बायोटेक्नोलाजी फार बायोफ्यूल्स: ए सस्टेनेबल ग्रीन एनर्जी सोल्यूशन' को अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक स्प्रिंगर ने प्रकाशित किया है। पुस्तक में जैव ईंधन के इस्तेमाल के दिए गए उपयोगी उपायों की कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह और कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने सराहना की। डा. नीतीश ने बताया कि यह पुस्तक विभिन्न स्त्रोतों से जैव ईंधन उत्पादन में जैव प्रौद्योगीकीय प्रगति का वर्णन करती है। हाल के वर्षों में पेट्रोलियम-व्युत्पन्न ईंधन की लगातार हो रही कमी और पर्यावरणीय चिताओं ने जैव ईंधन को वैकल्पिक ईंधन स्त्रोत के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया है। हमारी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति की आधारशिला तथा आत्मनिर्भरता की दिशा में अधिकतम राष्ट्रीय प्रयासों में ऊर्जा के वैकल्पिक और नवीकरणीय स्त्रोतों के रूप में जैव ईंधन का विकास महत्वपूर्ण हो गया है।

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