बोधगया में यातायात व्यवस्था सुदृढ़ नहीं
गया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में यातायात व्यवस्था संधारण हेतु ट्रैफिक थाना खोला गया। थान
गया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में यातायात व्यवस्था संधारण हेतु ट्रैफिक थाना खोला गया। थाना तो खुला, लेकिन यातायात संधारण व्यवस्था लागू न हो सका। जिसके कारण नित सड़क जाम की समस्या में आगत देशी-विदेशी पर्यटक बुद्धभूमि पर रूबरू हो रहे हैं। और जब सड़क जाम हो और वाहनों के हार्न का शोर न हो। यह कैसे हो सकता है। जबकि महाबोधि मंदिर का क्षेत्र नो हार्न जोन घोषित है। इसका भी अनुपालन सुनिश्चित नहीं कराया जा रहा है। आम दिनों की भांति पितृपक्ष में भी बड़े व छोटे वाहनों का बेतरतीब पड़ाव देखा जा रहा है।
ऐसा नहीं कि बोधगया में पड़ाव स्थल की कमी है। कमी है तो सिर्फ वाहन चालकों को उचित मार्गदर्शन देने का। जो नहीं हो पा रहा है। इक्का-दुक्का ट्रैफिक पुलिस की तैनाती यदा-कदा बीटीएमसी के ढलान पर देखा जाता है। जो केवल और केवल आटो व ई-रिक्शा चालकों को सड़क पर पड़ाव करने से रोकने का काम ही करते हैं। जबकि महाबोधि सोसाइटी व तिब्बती मंदिर के सामने बेतरतीब ढ़ंग से बड़े व छोटे वाहनों का पड़ाव रहता है। पितृपक्ष मेला के भीड़ में भी यातायात थाना द्वारा वन-वे ट्रैफिक नियम को लागू नहीं किया गया। जिसके कारण दिन के उजाले में भी बड़े व छोटे मालवाहक वाहनों का आवागमन भी मंदिर मार्ग वाले रास्ते से हो रहा है। जबकि मालवाहक वाहनों के लिए सुजाता बाईपास रोड से आवागमन पूर्व से निर्धारित है।