भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना ....

गया। यहां की सड़कों पर रक्षा बंधन से जुड़ी गीत और संगीत की धुन सुनाई दे रही है। शहर के चौक-चाराहों पर

By Edited By: Publish:Sat, 29 Aug 2015 08:06 PM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2015 08:06 PM (IST)
भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना ....

गया। यहां की सड़कों पर रक्षा बंधन से जुड़ी गीत और संगीत की धुन सुनाई दे रही है। शहर के चौक-चाराहों पर संचालित दुकान एवं रेस्तां में यह गीत सुनने को मिल रही है। भइयां मेरे राखी के बंधन को निभाना ..., प्यारा हैं तू दुलार है तू आंखों का तारा है तू चांद तारों से न्यारा है तू की गीत धुन रक्षा बंधन के मौके पर सुनने को मिल रही हे।

श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन गुरूवार को रक्षा बंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनें सुबह से अपने-अपने भाइयों का इंतजार कर रही थी। लेकिन रक्षा बंधन करने के लिए निपुण ब्राह्माणों ने दोपहर बाद समय निर्धारित की थी। इस कारण से बहनों ने भाईयों की लम्बी उम्र के लिए कलाई पर राखी दोपहर बाद बांधी। बहनों ने भाई के ललाट पर तिलक लगाया और उसके बाद भाई के कलाई राखी बांधकर आशीर्वाद दिया। भाइयों ने बहनों को विशेष उपहार भेंट की। उसके बाद भाइयों ने बहनों को हर स्तर सुरक्षा, सहायता और आजीवन सहयोग करने का भी वचन दिया।

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मिष्ठान दुकानों में लगी रही भीड़

गया : कोई भी शुभ मौका हो। उस पर कुछ मीठा खाने और खिलाने की परम्परा बहुत ही पुरानी है। इस तरह के परम्परा को बदलते परिवेश में भी निभाया जा रहा है। रक्षा बंधन के मौके पर भी इस परम्परा को निर्वहन किया गया। सनातन धर्म के मानने वाले लोग रक्षा बंधन पर शहर के प्रमुख मिष्ठान दुकानों पर पहुंचे। जहां लोगों के अपने मनोकूल मिठाई की खरीदारी की। यहां के बाजार में विशेष तौर पर खोवा और छेना का मिठाई की खरीदारी की। कई प्रतिष्ठित दुकानों में निर्धारित दर पर मिठाई बेच रहे थे। लेकिन दुकानदारों ने ग्राहकों के लिए रक्षा बंधन के विशेष पैकेट पर एक पीस राखी मुफ्त में दिया। इस तरह का यह पहला प्रयास था। मिष्ठान दुकान में वनस्पति और शुद्ध घी से बने मिठाई की मांग अधिक थी। लेकिन कुछ रक्षा बंधन के मौके पर मंहगे मिठाई काजू बाइट, काजू कतरी, गोद की लडडू जैसे मिठाई की खरीदारी की। वहीं मध्य वर्गीय परिवार ने ड्राई फूड से भी काम चलाया। जो निम्न वर्गीय परिवार से आ रहे थे। वे छेना और लड्डू की खरीदारी की। पूरे दिन लोगों ने मिठाई की जमकर खरीदारी की। मिठाई के साथ-साथ कई कम्पनियों के चाकलेट भी खूब बिक्री हुई।

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