मोतीझील के अतिक्रमणकारियों पर चला प्रशासन का डंडा, 10 बड़े मकान ध्वस्त

मोतिहारी। शहर के मोतीझील को अतिक्रमित करने वालों के खिलाफ प्रशासन की सख्ती जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 12:22 AM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2021 12:22 AM (IST)
मोतीझील के अतिक्रमणकारियों पर चला  प्रशासन का डंडा, 10 बड़े मकान ध्वस्त
मोतीझील के अतिक्रमणकारियों पर चला प्रशासन का डंडा, 10 बड़े मकान ध्वस्त

मोतिहारी। शहर के मोतीझील को अतिक्रमित करने वालों के खिलाफ प्रशासन की सख्ती जारी है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने दूसरे दिन भी अभियान चलाकर 10 से अधिक पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया। सख्ती ऐसी थी कि अतिक्रमणकारियों की एक नहीं चली। दूसरे दिन शुक्रवार को बुल्डोजर चलाकर दस से अधिक पक्के मकानों को ध्वस्त किया गया। सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान में डीसीएलआर राकेश रमण, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। एसडीओ ने बताया कि इस बार के अभियान के लिए पुख्ता प्लान तैयार किया गया है। लगातार चलने वाले इस अभियान में एक भी अतिक्रमणकारी नहीं बख्शे जाएंगे। कहा कि सभी को अपने स्तर से अतिक्रमण को खाली करने का नोटिस दिया गया था, लेकिन अतिक्रमण को नहीं हटाया गया। अभी भी जो लोग अपने से अतिक्रमण को हटाएंगे, उनसे अतिक्रमण हटाने पर होने वाले खर्च की वसूली नहीं की जाएगी। वहीं अतिक्रमण नहीं हटाने वालों से खर्च की राशि की वसूली की जाएगी।

अतिक्रमण बना था विकास कार्यों में रुकावट

मोतीझील के विकास को लेकर कई प्रकार की योजनाएं बनीं। हर बार अतिक्रमण बाधक बनकर सामने आ गया। झील को इस प्रकार से अतिक्रमण किया गया था कि टेंडर के बाद निर्माण कंपनी काम करने से इन्कार कर दिया था। बता दें कि सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम में पीएम मोदी ने झील के विकास के लिए राशि दी थी। वहीं बिहार सरकार के स्तर पर भी कई योजनाएं हैं। अतिक्रमण हटाए जाने के बाद अब ऐसा लगता है कि झील का कायाकल्प हो सकेगा और जिस नई एजेंसी को कार्य का टेंडर दिया गया है वह बेहतर तरीके से कार्य कर सकेगी।

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