शहर के तीन वार्डों में बच्चों की मौत पर सवाल

मोतिहारी। रक्सौल शहर के इस्लामपुर मोहल्ला में एक और चार माह के बच्चे की मौत हो गई है। इस प्रकार अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या अब सात हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 11:00 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 06:14 AM (IST)
शहर के तीन वार्डों में बच्चों की मौत पर सवाल
शहर के तीन वार्डों में बच्चों की मौत पर सवाल

मोतिहारी। रक्सौल शहर के इस्लामपुर मोहल्ला में एक और चार माह के बच्चे की मौत हो गई है। इस प्रकार अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या अब सात हो गई है। जिसे मोहल्ले के लोगों में दहशत का माहौल है। मृत बच्चा इस्लामपुर मोहल्ला के फरीदा खातून और आफताब अंसारी की बच्ची शाना खातून थी। परिजनों ने बताया कि तीन दिन पूर्व उसे उल्टी और बुखार हुआ। जिसे स्थानीय चिकित्सक से इलाज कराया गया। लेकिन, उसकी मौत हो गई। इस प्रकार सरिसवा नदी किनारे बसे नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 7, 8 और 09 अहिरवाटोला, इस्लामपुर व गांधी नगर मोहल्ला से बच्चों के मरने का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। जिसे लोगों में दहशत छा गया है। सरकार इसे गंभीरता से लेकर जांच के लिए सीएस को निर्देश दिया है। करीब पांच दिन पूर्व सीएस द्वारा गठित दो सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने जांच किया था। जिसमें बच्चे को मदर फीडिग के तरीका सही नहीं पाने की बात चिकित्सकों की टीम ने बताई थी। इसके लिए एक एएनएम को उक्त मोहल्ला में प्रतिनियुक्त किया गया था। इसके बाद अहिरवाटोला वार्ड नंबर सात के प्रदीप यादव के दस वर्षीय पुत्र नकूल और इस्लामपुर के आफताब अंसारी के चार माह की बच्ची की मौत हो गई है। जो अब व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।

चिकित्सकों की टीम ने की जांच, लिया ब्लड सैंपल

दैनिक जागरण सबसे पहले 30 सितंबर को सात दिनों में पांच नवजात की मौत, मोहल्ले में मातम शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई। दो दिन बाद सीएस द्वारा गठित टीम ने इस्लामपुर और गांधीनगर मोहल्ला पहुंच पीड़ित लोगों से बातचीत कर आवश्यक जानकारी एकत्रित कर ले गई थी। इधर शनिवार को प्रभारी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा द्वारा गठित चिकित्सक डॉ. एसके सिंह के नेतृत्व में टीम ने अहिरवाटोला में मौत के कारणों का पता लगाने पहुंची थी। इस दौरान मृत बालक नकूल के मां-पिता से बच्चा के जन्म, स्वास्थ्य, मरने से पहले की स्थिति, कब-कब बीमार हुआ था, बीमारी के समय इलाज हुआ था या नहीं, इलाज के बाद क्या थी स्थिति आदि की जानकारी ली। जिसमें परिजनों ने बताया कि मरने पहले बच्चे को चमकी की तरह आया था। इलाज के लिए डंकन अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन, चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। टीम में डॉ. मो. सुलतान, बीएचएम सतीश कुमार शाही, एएनएम स्वणलता शरण, मोनिका कुमारी, दीपराज एवं एंबुलेंसकर्मी शामिल थे। इसके साथ ही मोहल्ला के करीब दस बच्चों का ब्लड सैंपल लिया गया। जिसकी जांच की जाएगी। ताकि बच्चों के शरीर में किसी तरह के बीमारी का पता लगाया जा सकें। जो मौत का कारण बनता हो।

कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम मौत के कारणों का पता लगाने के प्रयास में जुटी है। चिकित्सकों की टीम गठित कर मोहल्ले में भेजा गया था। कुछ बच्चों का ब्लड सैंपल मंगाया गया है। जिसका सीबीसी और सीआरपी जांच की जाएगी। इसके साथ ही उस क्षेत्र के चापाकल के जल की जांच के लिए पीएचइडी विभाग को पत्र लिखा जाएगा। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर मिल रही जानकारी को स्टेट और जिला के वरीय टीम को भेजा जा रहा है। मौत किन कारणों से हो रही है इस संबंध में फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

इन बच्चों की हो चुकी मौत

1. गांधी नगर वार्ड आठ निवासी राजा मियां व सबिना खातून की बेटी रजिया का जन्म के 66 दिन बाद मौत

2. कालीचरण साह की बेटी के 18 दिन के लड़के की हो चुकी मौत, जिसकी शादी पश्चिमी चंपारण में हुई है

3. टीयाई मियां और फरजना खातून के बच्चे की जन्म के 36 दिन बाद हो चुकी मौत

4. मुन्ना आलम और रूकसना खातून के बच्चे के जन्म के 20 दिन बाद हो गई मौत

5. इस्लामपुर वार्ड नंबर आठ निवासी सलीम मियां की बेटी के बच्ची की जन्म के 24 दिन बाद मौत

6. अहिरवा टोला वार्ड नंबर 7 निवासी प्रदीप यादव के 10 वर्षीय पुत्र नकूल की मौत

7. आफताब अंसारी और फरीदा खातून के चार माह के बच्चे की हो गई मौत

एक बच्चे का चल रहा है इलाज

शहर के इस्लामपुर वार्ड नंबर आठ निवासी सल्लाउद्दीन अंसारी के चार माह के बेटा हसनैन रंगरेज का इलाज चल रहा है। परिजनों ने बताया कि बीते 27 नवंबर की रात में बच्चा अचानक जोर-जोर से चिल्लाने लगा। जिसे इलाज के लिए ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने वीरगंज नेपाल ले जाने की बात कही। वहां से बच्चे का इलाज कराया जा रहा है। चिकित्सक ब्रोंकाइटिस का इलाज कर रहे है।

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