Bihar News: आठ टुकड़ों में काटकर बच्ची की हत्या के दोषी को उम्रकैद, 15 हजार रुपये अर्थ दंड

बच्ची की आठ टुकड़ों में काटकर जघन्य हत्या के एक मामले में सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पाक्सो के विशेष न्यायाधीश ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने कांड के नामजद अभियुक्त पीपरा थाना क्षेत्र के बेदीबन मधुबन निवासी सियाराम सहनी को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये अर्थदंड का आदेश दिया। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा होगी।

By Dineshwar Prasad Edited By: Rajat Mourya Publish:Fri, 22 Mar 2024 06:59 PM (IST) Updated:Fri, 22 Mar 2024 06:59 PM (IST)
Bihar News: आठ टुकड़ों में काटकर बच्ची की हत्या के दोषी को उम्रकैद, 15 हजार रुपये अर्थ दंड
आठ टुकड़ों में काटकर बच्ची की हत्या के दोषी को उम्रकैद, 15 हजार रुपये अर्थ दंड

HighLights

  • आठ टुकड़ों में काटकर बच्ची की हत्या के दोषी को उम्रकैद, 15 हजार रुपये अर्थ दंड
  • पीपरा थाना क्षेत्र के बेदीबन मधुबन गांव में छह साल पूर्व हुई थी घटना
  • हत्यारे ने शव को नदी किनारे फेंक दिया था, फैसले के बाद बच्ची के स्वजन में दिखा संतोष का भाव

संवाद सहयोगी, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। पांच साल की बच्ची की आठ टुकड़ों में काटकर जघन्य हत्या के एक मामले में सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पाक्सो के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार ने शुक्रवार को फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कांड के नामजद अभियुक्त पीपरा थाना क्षेत्र के बेदीबन मधुबन निवासी सियाराम सहनी को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 15 हजार रुपये अर्थदंड का आदेश दिया। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा होगी।

वाद (35/2021) के विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक कुमार शिवशंकर सिंह ने 10 गवाहों को कोर्ट में पेश किया। बचाव पक्ष ने भी दलीलें पेश की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने भादवि की धारा 302 व 201 में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई। फैसले के बाद बच्ची के स्वजन में संतोष का भाव दिखा।

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि घटना के बाद स्थानीय निवासी बच्ची के पिता बंगाली सहनी ने पीपरा थाने में गांव के ही सियाराम सहनी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी ( 346/2020) कराई थी। बताया था कि 15 नवंबर 2020 की शाम छह बजे घर के बगल में पांच वर्षीय पुत्री मुस्कान के साथ अलाव ताप रहे थे।

इसी बीच सियाराम सहनी आया और साइकिल मांगी। उसे मना कर दिया। कहा- पहले भी तुम्हें साइकिल देने से मना किया था। फिर भी आ गए। इतना कहने के बाद पुत्री को अलाव के पास ही छोड़कर दूध दूहने चला गया। जबकि, अलाव के पास ही सियाराम सहनी पुत्री मुस्कान को खेलाने लगा। जब लौटा तो पुत्री नहीं थी।

देर रात तक खोजबीन की। मगर नहीं मिली। सियाराम से पूछा तो कहा कि मुस्कान को वहीं छोड़कर चला आया था। इस बीच बड़ी बेटी नौ वर्षीय रानिका कुमारी ने बताया कि बहन को सियाराम सहनी साथ ले जा रहा था। उसे भी चलने को कहा, लेकिन वह नहीं गई। 16 नवंबर को गांव के पास ही लखना नदी के किनारे हाथ, पैर, सिर कटे आठ टुकड़ों में मुस्कान के शव मिले। इसके बाद मामला पुलिस और कोर्ट में पहुंचा था।

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