पूरे साल मुख्य सड़क पर रहता जलजमाव, नहीं हो रहा समाधान

दरभंगा। करीब दस हजार की आबादी वाले कहुआ जगदीशपुर पंचायत का अधिकांश हिस्सा मुख्य सड़क पर पूरे साल जलजमाव से त्रस्त है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 12:28 AM (IST) Updated:Sat, 12 Oct 2019 12:28 AM (IST)
पूरे साल मुख्य सड़क पर रहता जलजमाव, नहीं हो रहा समाधान
पूरे साल मुख्य सड़क पर रहता जलजमाव, नहीं हो रहा समाधान

दरभंगा। करीब दस हजार की आबादी वाले कहुआ जगदीशपुर पंचायत का अधिकांश हिस्सा मुख्य सड़क पर पूरे साल जलजमाव से त्रस्त है। सरकार की हर योजना पंचायत में तो चल रही है, लेकिन मुख्य सड़क में नाला निर्माण नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नली-गली योजना फेल साबित हो रही है। मुख्य सड़क पर नाला नहीं होने से छोटे-छोटे नालियों का पानी मुख्य सड़क पर गिरता है। इससे हर समय जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। पंचायत में पेयजल, स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा सहित कई सरकारी कल्याणकारी योजनाएं फिसड्डी साबित हो रही है। करोड़ों की लागत से बना अस्पताल भवन खंडहर बन चुका है। अस्पताल तो है, लेकिन चिकित्सक और कर्मी का घोर अभाव है। मध्य विद्यालय को उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा मिला है। लाखों रुपये से भवन निर्माण हुआ, लेकिन संसाधनों का घोर अभाव है। विद्यालय की चहारदीवारी तक नहीं है। इसके कारण विद्यालय बंद होने के बाद वहां असामाजिक तत्वों का जमघट लगता है। विद्यालय में रसोई शेड नहीं होने के कारण भोजन खुले में पकता है। मनरेगा योजना में मजदूरी करने के बावजूद समय पर मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। मजबूरी में गरीब दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं। कई गरीब अब भी वृद्धावस्था पेंशन से वंचित हैं। पंचायत में कई तालाब हैं, लेकिन उड़ाही नहीं होने के कारण तालाबों का पानी गंदगी से पट चुका है। दैनिक जागरण की टीम गांव की पाती कार्यक्रम के तहत पंचायत में पहुंची तो स्थानीय लोगों ने खुल कर अपनी समस्याओं को रखा। महिद्र सहनी, अकलू सहनी, रंजू देवी, रामाकांत पंडित, रामप्रकाश पंडित, बचिया देवी, जयप्रकाश पंडित, धीरज सहनी, भिखारी ठाकुर, रामबाबू सहनी, श्याम सहनी, महिद्र सहनी, प्रेम सहनी, अमोला देवी आदि ने बताया कि सरकार का करोड़ों रुपए खर्चा हो रहा है, लेकिन समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा। कहुआ जगदीशपुर स्टेशन का मुख्य सड़क गड्ढे में तब्दील है, उसका जल्द निर्माण होना चाहिए। बाढ़ राहत नहीं मिलने से गरीब परेशान हैं। अंचल और प्रखंड का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन राशि अभी तक खाता में नहीं आई है। मुखिया भी हाथ खड़े कर रहे हैं।

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सरकार को प्राथमिकता के आधार पर हर पंचायत के मुख्य सड़क पर मुख्य नाला का निर्माण कराना चाहिए ताकि गलियों की नालियों को मुख्य नाला से कनेक्ट किया जा सके। इससे जलजमाव से लोग उबर पाएंगे। सरकारी राशि पानी की तरह बह रही है, लेकिन उसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है।

- ठोको मंडल, स्थानीय ग्रामीण

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गांव के विकास से पूरे देश का विकास होता है, लेकिन गांव में ही अशिक्षा उत्पन्न हो जाए तो देश कभी भी विकसित नहीं होगा। क्योंकि, ग्रामीण इलाके में जितने भी स्कूल हैं, सब संसाधनहीन हैं। भवन बने हैं, लेकिन शिक्षक नहीं है। बच्चों को बेहतर भोजन नहीं मिल रहा। इन समस्याओं को देखना जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेवारी है।

- मनोज महतो, स्थानीय ग्रामीण

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जब से सरकार खाता में पेंशन की राशि भेजने लगी है, तब से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। चार बार प्रखंड का चक्कर लगा चुके हैं। सभी कागजात जमा कर चुके हैं, लेकिन पेंशन नहीं मिल रहा। कई लोग प्रतिदिन आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन जमा करते हैं, लेकिन उन्हें अभी तक पेंशन नहीं मिल पाया है। उम्र 90 वर्ष हो चुकी है, अब भाग-दौड़ नहीं कर पाता।

- भगवान मिश्र, स्थानीय ग्रामीण

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कहुआ में स्टेशन की मांग वर्षों से हो रही है, लेकिन हॉल्ट मिला। हॉल्ट तक पहुंचने का रास्ता काफी जर्जर है। अंग्रेज जमाने की कच्ची सड़क को पक्कीकरण अब तक नहीं किया गया। लोगों को होने वाली परेशानी को देखने वाला कोई नहीं है।

- भातु मिश्र, स्थानीय ग्रामीण

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जल संचय होना चाहिए। इसके लिए अगल से फंड बने। सरकारी तालाबों का उड़ाहीकरण किया जाए। सरकार ने मनरेगा योजना से इसको जोड़ रखा है, लेकिन समय पर मजदूरों को भुगतान नहीं किया जाता है। सरकार पर मजदूरों का पांच करोड़ बकाया है। ऐसे में यह कार्य कैसे संभव है।

- मुकेश कुमार, स्थानीय ग्रामीण

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