दस साल पहले बनते ही टूटा सड़क व नाला, अब तक नहीं हुई मरम्मत

दरभंगा। कुशेश्वरस्थान बाजार से लगभग पच्चास मीटर की दूरी पर स्थित रामपुर राउत का कुजरटोली अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव के हजारों लोग आज भी शिक्षा स्वास्थ्य सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं को झेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 01:14 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 01:14 AM (IST)
दस साल पहले बनते ही टूटा सड़क व नाला, अब तक नहीं हुई मरम्मत
दस साल पहले बनते ही टूटा सड़क व नाला, अब तक नहीं हुई मरम्मत

दरभंगा। कुशेश्वरस्थान बाजार से लगभग पच्चास मीटर की दूरी पर स्थित रामपुर राउत का कुजरटोली अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव के हजारों लोग आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं को झेल रहे हैं। इस बीच दैनिक जागरण की टीम ने गांव की पाती के तहत सोमवार को रामपुर राउत के कुजरटोली गांव में लोगों के साथ उनकी समस्याओं के लेकर चर्चा की। चर्चा के दौरान गांव के मो. खालिद, मो. दस्तगीर, बादशाह खान, मो. मजनू सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि सरकार ने इस गांव में बिजली पहुंचा दी है, कमजोर सड़क का भी निर्माण हो चुका है, लेकिन नाले की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है। लोगों के घरों का पानी आंगन में ही जमा रहता है, जिससे घर के बच्चे और बड़े अक्सर बीमार होते रहते है। लोग बाल्टी से पानी बाहर सड़क किनारे फेंकते हैं। विगत दस वर्ष पूर्व सरकारी स्तर पर इस गांव में पानी के बहाव के लिए नाले का निर्माण तो किया गया, पर नाला बनते ही पूरी तरह टूट गया। नाला के टूट जाने से मुहल्ले का पानी सड़क पर ही जमा रहता है। जिससे सड़क पर कीचड़ रहने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। नाला मरम्मत को लेकर कई बार गांव के मुखिया से लेकर संबंधित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी को मौखिक एवं लिखित में कहा गया, पर आज तक इस गांव में नाले का मरम्मत नहीं हो सका है। गांव में एक मदरसा है, जहां गांव के बच्चे पढ़ने जाते हैं। इस मदरसा की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। यहां पढ़ने वाले बच्चे को सही तरीके से शिक्षा नहीं मिल पा रही है। मदरसा में हो रहे अनियमितता के बारे में कई बार संबंधित पदाधिकारी से शिकायत की गई, पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। संबंधित पदाधिकारी मदरसा के प्रधानाध्यापक से मोटी रकम खाकर मामले को रफा दफा कर देते हैं। जहां तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की बात है तो गांव से सटे बाजार में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है, लेकिन इसकी हालत काफी खराब है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरसात के समय बारिश के पानी में डूब जाता है। पीएचसी के डूबने के बाद इसको प्रखंड मुख्यालय स्थित बाढ़ शरणस्थली भवन में चलाया जाता है। यहां सिर्फ दो ही एमबीबीएस डॉक्टर हैं। इसके अलावा दो आयुष डॉक्टर से ही लोगों को काम चलाना पड़ता है। लोगों को सरकारी योजना का लाभ सही से नहीं मिल पा रहा है। लोगों के घर में जॉब कार्ड तो है, पर लगभग दस वर्षों से गरीब लोगों को जॉब कार्ड पर जॉब नहीं मिल रहा है। ना ही मनरेगा से लोगों को कोई काम मिल रहा है।

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