संस्कृत विवि के विकास को गति देने जुलाई में जुटेंगे पूर्ववर्ती छात्र

कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय अपने सभी वैसे पूर्ववर्ती छात्रों के बारे में विस्तृत ब्योरा तैयार करने जा रहा है जो प्रदेश या उसके बाहर ओहदे प्राप्त हों या फिर सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 May 2019 01:34 AM (IST) Updated:Thu, 09 May 2019 06:25 AM (IST)
संस्कृत विवि के विकास को गति देने जुलाई में जुटेंगे पूर्ववर्ती छात्र
संस्कृत विवि के विकास को गति देने जुलाई में जुटेंगे पूर्ववर्ती छात्र

दरभंगा । कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय अपने सभी वैसे पूर्ववर्ती छात्रों के बारे में विस्तृत ब्योरा तैयार करने जा रहा है जो प्रदेश या उसके बाहर ओहदे प्राप्त हों या फिर सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। ब्योरा संकलन के लिए बाकायदा दस सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है जिसके अध्यक्ष डीन प्रो. शिवाकांत झा बनाए गए हैं और संयोजक होंगे प्रो. दयानाथ झा। इस कमेटी में सभी विभागाध्यक्षों को बतौर सदस्य शामिल किया गया है। सहयोग के लिए अतिथि शिक्षक प्रमोद कुमार मिश्र को सदस्य रखा गया है। पीआरओ निशिकांत ने बताया कि तय समय सीमा में सभी जानकारी इकट्ठा करने के निमित्त शनिवार को डीन प्रो. झा की अध्यक्षता में समिति की एक बैठक आहूत की गई जिसमें सभी बिदुओं पर गहन चर्चा हुई। सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में सभी पूर्ववर्ती छात्र-छात्राओं को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही उनसे विश्वविद्यालय व संस्कृत के विकास के लिए सहयोग व सुझाव देने का आग्रह होगा। फिलहाल 15 मई तक भूतपूर्व छात्रों के नाम, उनकी योग्यता, पद, दूरभाष व पता समेत अन्य जानकारी संयोजक के समक्ष उपस्थापित करने का निर्णय लिया गया। बताया गया कि 1972 से पास आउट सभी छात्रों की विवरणी जुटाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिन पूर्ववर्ती छात्रों को विश्वविद्यालय की इस नई पहल के बारे में जिज्ञासा करनी हो तो वे संयोजक प्रो. झा से संपर्क कर सकते हैं। प्रो. दयानाथ झा के संयोजकत्व में आयोजित बैठक में डीन प्रो. झा समेत प्रो. विद्येश्वर झा, सेवानिवृत्त प्रो. बौआनंद झा, प्रो. उमेश शर्मा, प्रो. रेणुका सिंहा, प्रो. पुरेन्द्र वारिक, प्रो. दिलीप कुमार झा, डॉ. कुणाल कुमार झा के अलावा अतिथि शिक्षक प्रमोद कुमार मिश्र उपस्थित थे।

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