आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब, आसमान छू रहीं कीमतें

पहले बाढ़ और अब लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलों की इस कदर बढ़ा दिया है कि आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी है। बाढ़ से पहले ही सैकड़ों एकड़ में लगी फसल और सब्जियां बर्बाद हो चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 01:40 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:13 AM (IST)
आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब, आसमान छू रहीं कीमतें
आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब, आसमान छू रहीं कीमतें

दरभंगा । पहले बाढ़ और अब लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलों की इस कदर बढ़ा दिया है कि आम लोगों की थाली से हरी सब्जियां गायब होने लगी है। बाढ़ से पहले ही सैकड़ों एकड़ में लगी फसल और सब्जियां बर्बाद हो चुकी है। रही-सही कसर पिछले चार दिनों से हो रही बारिश ने पूरी कर दी। इसके कारण सब्जियों की कीमत में भारी उछाल आ गया है। लोगों की जेब ढ़ीली होने लगी है। थोक बाजारों में सब्जियों की कीमत में उछाल से गरीब तबके के लोग नमक-रोटी पर आ गए है। खेतों से बाजार पहुंच रही हरी सब्जियों आसमान छूने लगे है। कल तक 20-25 रुपये किलो बिकने वाला बैंगन आज 40 से 50 रुपये किलो बिक रहा है। सब्जियों के दाम सुनकर ही लोगों के पसीने छूटने लगे है। इतना ही नहीं, आलू और प्याज भी लोगों को रुला रहे है। इसके दामों में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। गरीब और मध्यम वर्गीय लोग पहले जहां सौ रुपये में दो-तीन तरह की हरी सब्जियां घर लाते थे, वे आज मात्र एक से दो तरह की ही सब्जियां खरीद पा रहे है। दिन-प्रतिदिन सब्जियों के दाम में बढोत्तरी हो रही हैं। लोगों का कहना हैं की सब्जी खरीदना अब गरीब एवं मध्यमवर्गीय लोगों के बुते के बाहर होती जा रही हैं। वहीं, सब्जी विक्रेताओं का कहना हैं बाढ़ के कारण अधिकांश खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो चुकी हैं। इसलिए सब्जी उनलोगों को बाहर से लाकर बेचनी पर रही हैं। इधर, स्थानीय लोगों का कहना हैं बाढ़ और बारिश का असर लोगों के किचन पर दिखने लगा है।

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हरी सब्जियों की कीमत बैगन

: 40 से 50 रुपये किलो,

परवल

: 60 से 65 रुपये किलो

टमाटर

: 80 रुपये किलो

प्याज

: 45 रुपये किलो

आलू

: 40 रुपये किलो घीरा

: 40 रुपये

ओल : 60 रुपये किलो

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