चिकित्सक व संसाधनों की कमी ने किया स्वास्थ्य सेवाओं का बेड़ा गर्क

दरभंगा। राज्य सरकार ने क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए बेनीपुर में अनुमंडलीय अस्पताल की स्थापना नौ वर्ष पहले की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 12:58 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2020 06:12 AM (IST)
चिकित्सक व संसाधनों की कमी ने किया स्वास्थ्य सेवाओं 
का बेड़ा गर्क
चिकित्सक व संसाधनों की कमी ने किया स्वास्थ्य सेवाओं का बेड़ा गर्क

दरभंगा। राज्य सरकार ने क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए बेनीपुर में अनुमंडलीय अस्पताल की स्थापना नौ वर्ष पहले की। लेकिन, यहां आज भी डॉक्टर व संसाधनों की घोर कमी के कारण मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। स्थापना से लेकर अबतक एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक की पदस्थापना नहीं हुई। हड्डी, शिशु व स्त्री रोग विभाग समेत कई विभागों में ताला लटका रहता है। सरकार ने अनुमंडलीय अस्पताल में ब्लड बैंक के लिए डॉ. मंजु कुमारी की पदस्थापना की। लेकिन, अबतक उसे चालू नहीं किया जा सका।

जाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. नवीन कुमार सिंह को सप्ताह में तीन दिन इस अस्पताल के शिशु विभाग में आकर बच्चों का इलाज करने के लिए तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने प्रतिनियुक्त किया। लेकिन आदेश के बावजूद उन्हें आज तक विरमित नहीं किया गया। नतीजा, यहां शिशु यूनिट बंद है। बच्चों का इलाज भगवान भरोसे है। पिछले दो वर्षों से अनुमंडलीय अस्पताल में आनेवाले हृदय रोग से पीड़ित मरीजों की इसीजी भी चिकित्सकों की कमी के कारण बंद है। अस्पताल में मधुमेह की जांच भी महीनों से नहीं हो रही हैं। अस्पताल में कुल 30 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। लेकिन, वर्तमान में मात्र छह चिकित्सक ही उपलब्ध हैं। वहीं, 50 ए ग्रेड नर्सों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 15 नर्सों के सहारे अस्पताल चल रहा है। सांसद गोपालजी ठाकुर व विधायक सुनील चौधरी ने भी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से अस्पताल में तत्काल कम से कम दस चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति या पदस्थापना की मांग की, लेकिन आज तक यह हो ना सका। वहीं, क्षेत्र में चल रहे बहेड़ा एवं अलीनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित दो दर्जन से अधिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति भी बदतर है। इसके कारण ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चौपट हो चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अलीनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी चिकित्सकों का घोर अभाव है। दोनों स्वास्थ्य केंद्रों पर एएनएम वर्तमान कोरोना संकट के समय भी अक्सर ड्यूटी से अनुपस्थित रहती हैं। दोनों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल मरीजों को प्राथमिक उपचार कर दरभंगा रेफर करने वाला अस्पताल बन कर रह गया है। क्षेत्र के लोग अब स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती स्थिति को लेकर उग्र आंदोलन की बात कर रहे हैं।

प्रभारी उपाधीक्षक ने कहा- सीएस को लिखा है पत्र अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ आरसी झा एवं बहेडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमरनाथ झा का कहना है कि कई बार सिविल सर्जन को पत्र लिखकर अनुमंडलीय अस्पताल व बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की कमी से अवगत कराया जा चुका है।

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