वेदमति भवनाथ चौधरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में सौ सीटें बढ़ीं

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मंगलवार को कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में विद्वत परिषद की बैठक हुई। बैठक में मधुबनी के बसैठा चानपुरा स्थित वेदमति भवनाथ चौधरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन को सत्र 2020-22 से अतिरिक्त सौ सीटों पर नामांकन की अनुमति प्रदान की गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 12:34 AM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:15 AM (IST)
वेदमति भवनाथ चौधरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में सौ सीटें बढ़ीं
वेदमति भवनाथ चौधरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में सौ सीटें बढ़ीं

दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मंगलवार को कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में विद्वत परिषद की बैठक हुई। बैठक में मधुबनी के बसैठा चानपुरा स्थित वेदमति भवनाथ चौधरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन को सत्र 2020-22 से अतिरिक्त सौ सीटों पर नामांकन की अनुमति प्रदान की गई। अनुमति विवि स्तर पर गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मिली है। इससे पूर्व संबंधन एवं नई शिक्षा कार्यक्रम समिति की 13 फरवरी को हुई बैठक में इसकी अनुशंसा की गई थी। छात्र हित को देखते हुए दरभंगा के मुर्गियाचक स्थित एस वकील अहमद शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में सत्र 2000-01 नामांकित छात्र-छात्राओं की परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव पर भी विद्वत परिषद ने अपनी सहमति दे दी।

बता दें कि इस कॉलेज के सत्र 1996-97 से 1999-2000 तक की परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं। इन परीक्षाओं का परिणाम भी घोषित किया जा चुका है। मंगलवार को बैठक में विद्वत परिषद की 10 दिसंबर को हुई बैठक की कार्यवृत्त की संपुष्टि करते हुए अनुपालन प्रतिवेदन पर विचार करते हुए स्वीकृत किया गया। बैठक में प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल, प्रभारी कुलसचिव सह भू-संपदा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार यादव, छात्र संघ अध्यक्ष आलोक कुमार, विभिन्न संकायों के डीन, विभिन्न विभागों के एचओडी समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।

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कोर्स वर्क में 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य :

बैठक में संकाय अध्यक्ष व विभागाध्यक्षों की 14 जनवरी की बैठक में लिए गए निर्णय पर चर्चा की गई। निर्णय को सर्वसम्मति से पारित किया गया। यानी की अब प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में 75 फीसद उपस्थिति पूरा नहीं करने वाले छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें फीस जमाकर पुन: कोर्स वर्क करना होगा। परीक्षा फीस देकर परीक्षा पास करनी होगी। जिन छात्रों ने कोर्स वर्क पूरा कर लिया, लेकिन परीक्षा में उपस्थित नहीं हो सके या परीक्षा में असफल हो गए, उन्हें केवल परीक्षा फीस जमा कर परीक्षा में सफल होना होगा। विवि के विभिन्न अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के कोर्स वर्क के लिए पूर्व के निर्णय के अनुरूप मुख्यालय स्थित स्नातकोत्तर विभाग या स्थानीय अंगीभूत कॉलेजों में कोर्स वर्क अवधि तक प्रतिनियोजित किया जा सकता है। कोर्स वर्क समाप्ति के साथ वे शिक्षक अपने-अपने पूर्व संस्थान के लिए विरमित समझे जाएंगे।

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डीडीई में लागू होगी सीबीसीएस :

लनामिवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) के पाठ्यक्रम अब च्वॉयस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अनुरूप होंगे। विद्वत परिषद ने इस बाबत निदेशालय की सात फरवरी की बैठक में लिए गए निर्णय को पारित कर दिया। इसके अंतर्गत डीडीई में स्नातकोत्तर स्तर पर पहले सीबीसीएस को लागू किया जाएगा। उसके बाद इसे स्नातक स्तर पर लागू होगा। वर्तमान में संचालित हो रही वार्षिक परीक्षा की पद्धति यथावत लागू रहेगी। डीडीई में संचालित विषयों को सेमेस्टर के आधार पर चार-चार क्रेडिट के चार-चार पत्रों के अनुरूप सेल्फ लर्निंग मटेरियल तैयार किया जाएगा। छात्र संघ अध्यक्ष ने उठाया पढ़ाई का मसला :

बैठक में छात्र संघ अध्यक्ष आलोक कुमार ने शिक्षकों की कमी का मामला उठाते हुए कहा कि इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित है। कहा कि कई कॉलेजों में कई विषयों में छात्रों की भीड़ है। एक भी सीट रिक्त नहीं। लेकिन, उन विषयों के शिक्षक नहीं होने से उनकी कक्षाएं नहीं होती। छात्र बिना पढ़ाई ही परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। यह पढ़ाई के नाम पर किसी मजाक से कम नहीं। उन्होंने कुलपति से अविलंब शिक्षकों की कमी दूर करने की दिशा में पहल करने की मांग की। इसके साथ ही विवि क्षेत्र के हर जिले के कम से कम दो-तीन कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने की मांग रखी ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए जिले से बाहर ना जाना पड़े।

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