संविधान के मौलिक ढांचा को तोड़ने का हो रहा प्रयास

डॉन बॉस्को स्कूल के सभागार में रविवार को संविधान पर मंडराते खतरे पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 May 2018 01:01 AM (IST) Updated:Mon, 28 May 2018 01:01 AM (IST)
संविधान के मौलिक ढांचा को तोड़ने का हो रहा प्रयास
संविधान के मौलिक ढांचा को तोड़ने का हो रहा प्रयास

दरभंगा। डॉन बॉस्को स्कूल के सभागार में रविवार को संविधान पर मंडराते खतरे पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में डॉ. अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि पिछले चार सालों में देश ने एक नई तरह की सरकार देखी है। देशवासियों ने एक प्रधानमंत्री के रूप में अधिनायकवाद की प्रथा देखी है। जहां सिर्फ अपनी मर्जी के फैसले चलते हैं। हर फैसले के पीछे छल-कपट और लोगों को बेवकूफ बनाने की तरकीबें नजर आती है। ऐसा लगता है कि देशवासी हर रोज एक नया सिनेमा देख रहा हो। संविधान के मौलिक ढांचा को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। प्रवीण कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार बेरोजगारी, काला धन, फसलों की न्यूनतम दर, फसल बीमा, डीजल-पेट्रोल के दाम, 15-15 लाख हर देशवासियों को देना का वादा, ये सभी वादे खोखले, झूठे एवं मक्कारी से भरे हैं। हां, इतना जरूर हुआ है कि देश की चुनी हुई संस्थाओं को परेशान किया गया। देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों और उनकी सत्यनिष्ठा पर लगातार सवाल व हमले आज भी जारी है। यहां तक कि उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों को जनता के सामने गुहार लगानी पड़ी। शाहिद कमाल ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर दिन-प्रतिदिन बढ़ते प्रहार असहनीय हो गए हैं। सैफुद्दीन टीपू ने कहा कि सरकारी शिक्षा एवं स्वास्थ में बजट कटौती करके निजी शिक्षण व स्वास्थ्य संस्थानों को बढ़ावा दिया गया। इंसाफ मंच के नेयाज अहमद ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर धार्मिक उत्सवों में भी हथियारों का ऐसा प्रदर्शन पहली बार देखने को मिला। ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम ने कहा कि कार्यक्रम से नई उर्जा मिली है। आगे भी इस प्रकार के कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा और नई रणनीति बनाकर 2019 के चुनाव के लिए सांप्रदायिक शक्तियों से निपटा जाएगा। मंच संचालन ओसामा हसन ने किया। मौके पर पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के महासिचव प्रवीण कुमार, जेएनयू के पूर्व छात्र मो. इम्तेयाज शामिल हुए। डॉन बॉस्को स्कूल के डायरेक्टर एसएचए आबदी, ई. निशात करीम शौकत, डॉ. जमशेद आलम, बैद्यनाथ यादव, शंकर प्रलामी, रतन श्रीवास्तव, विद्यानंद राम, भूषण मंडल आदि मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी