महिला ने वकील को धमकाया, अब भुगतोगे अंजाम

दरभंगा। दरभंगा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रशीद अहमद को उनके मोबाइल पर अंजाम भुगतने की धमकी मिली है। लहे

By Edited By: Publish:Fri, 09 Oct 2015 11:20 PM (IST) Updated:Fri, 09 Oct 2015 11:20 PM (IST)
महिला ने वकील को धमकाया, अब भुगतोगे अंजाम

दरभंगा। दरभंगा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता रशीद अहमद को उनके मोबाइल पर अंजाम भुगतने की धमकी मिली है। लहेरियासराय थाना पुलिस में शुक्रवार को इसकी शिकायत दर्ज कराई गई। 21 मई, 2010 को उनकी बच्ची का अपहरण हुआ और पांच सालों में पुलिस उसका सुराग नहीं लगा पाई है। खानका चौक स्थित फैजुल्लाह खां मुहल्ले में रहने वाले अधिवक्ता और उनका परिवार इस धमकी भरे फोन के चलते दहशत में है। अधिवक्ता के मुताबिक, फोन करने वाली कोई महिला थी। जिसने पहले तो नाम पूछा और फिर कहा-बहुत एफआइआर करवाते हो अंजाम भुगतने को तैयार रहो। इतना कहकर फोन काट दिया। पुलिस हालांकि, इस मामले में अभी कुछ नहीं बोल पाई है। अधिवक्ता ने कहा, थानाध्यक्ष जयप्रकाश ¨सह को हमने वह नंबर 7564025471 उपलब्ध कराया है, जिससे गुरुवार शाम 5 बजकर 41 मिनट पर मेरे फोन नंबर 9835010669 पर कॉल आया था। हालांकि, कॉलर का मोबाइल नंबर ट्रैक नहीं हो रहा है। इस मोबाइल नंबर की ट्रै¨कग पर स्टेट और प्रोवाइडर कंपनी का नाम नहीं आ रहा है, जिससे लगता है यह कॉल इंटरनेट के जरिए आया है। केस हर किसी के लिए अनसुलझी पहेली बनी हुई है।

किस एफआइआर का जिक्र नहीं समझ पा रहे अधिवक्ता

अधिवक्ता ने कहा, फोन करने वाली महिला किस एफआइआर की बात कर रही थी समझ नहीं आया। क्योंकि, वकील होने की हैसियत से मुवकिलों की पैरवी की खातिर केस-मुकदमा तो आम बात है। हां, मैंने रमजान के महीने में एक एफआइआर जरूर कराई थी जो मेरी खुद की पर शानी से संबंधित थी। दरअसल, तब कुछ लोगों ने हमारे घर की बाउंड्री तोड़ दी थी। घर में घुसकर सामान वगैरह तहस-नहस कर दिया था। हमलावरों ने धमकाया था कि टांग-हाथ सलामत नहीं रहने देंगे। केस ट्रु हो गया है। उस केस में एक हफ्ता पहले पुलिस उन लोगों को नोटिस भी भेजी है।

बेटी के अपहर्ताओं पर भी संदेह

बेटी के अपहरण को 5 साल गुजर गया। यह केस अनसुलझी पहेली बनी है। अभियुक्तों को पुलिस न तो गिरफ्तार करती है, न आरोप पत्र समर्पित करती है। अपनी बेटी के अपहरण से गमजदा अधिवक्ता सवाल करते हैं कि इस मामले में पुलिस की चुप्पी भी रहस्यमी बनी हुई है। वे कहते हैं, अभियुक्त राजनीतिक पहुंच-पैरवी वाले हैं। लगता है इसी कारण पुलिस उनकी मेल में है। एक बेटी का बाप होने के साथ अधिवक्ता होने के नाते भी न्याय की आस हमने छोड़ी नहीं है।

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