एहसासों की कतरन में नारी की पीड़ा उजागर

प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय परिसर में साहि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Jul 2017 03:06 AM (IST) Updated:Mon, 10 Jul 2017 03:06 AM (IST)
एहसासों की कतरन में नारी की पीड़ा उजागर
एहसासों की कतरन में नारी की पीड़ा उजागर

बक्सर। प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय परिसर में साहित्यकार हरिनंदन कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। इस दौरान मीरा ¨सह 'मीरा' की प्रथम काव्य संग्रह 'एहसासों की कतरन' पर समीक्षात्मक बातचीत हुई। इस मौके पर किशोर न्याय परिषद के सदस्य डॉ.शशांक शेखर उपाध्याय ने कहा कि एहसासों की कतरन कविताओं में नारी की पीड़ा उसकी विवशता ही नहीं बल्कि उसकी जिजिविषा और संघर्ष भी है।

इस दौरान अवकाश प्राप्त डीएसपी लालधारी प्रसाद, मीना त्रिवेदी, विश्वनाथ प्रसाद, पारसनाथ चौधरी, सत्यनारायण प्रसाद, भुनेश्वर प्रसाद, रामजी ¨सह शेरेदिल, डॉ.बीएल प्रवीण सहित कई प्रबुद्धजनों ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि डुमरांव की धरती का काव्य संग्रह बहुत दिनों बाद आया है। जो हमारी धरती की साहित्यिक उर्जा को प्रति¨बबित करता है। मौके पर दीपनारायण, सोनू वर्मा, प्रदीपशरण, पुष्पा कुमारी, पुनीत कुमार सहित कई शामिल रहे।

chat bot
आपका साथी