लापरवाही की रेल: चलती ट्रेन में यात्रियों ने कराई डिलेवरी, इलाज के अभाव में मां व बच्‍चे की मौत

रेलवे जन सुविधाओं में इजाफा कर रहा है लेकिन सब कहने को है। मंगलवार को मगध एक्सप्रेस से यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई। बच्‍चा भी नहीं बचा।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Tue, 30 Apr 2019 04:51 PM (IST) Updated:Wed, 01 May 2019 01:16 PM (IST)
लापरवाही की रेल: चलती ट्रेन में यात्रियों ने कराई डिलेवरी, इलाज के अभाव में मां व बच्‍चे की मौत
लापरवाही की रेल: चलती ट्रेन में यात्रियों ने कराई डिलेवरी, इलाज के अभाव में मां व बच्‍चे की मौत

पटना/बक्सर, जेएनएन। रेलवे जन सुविधाओं में इजाफा कर रहा है, लेकिन इसी बीच ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जो रेलवे के प्रयासों पर सवाल खड़े करती हैं। मंगलवार को मगध एक्सप्रेस से यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई। महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नहीं बचाया जा सका।
महिला अपने पति के साथ दिल्ली से पटना आ रही थी, तभी यह घटना हुई। इतना ही नहीं, पति के शव के साथ ही ट्रेन में सफर करता रहा, फिर कोई रेलकर्मी देखने नहीं आया। यहां तक जिस टीटीई ने मोटी रकम लेकर बर्थडे दिए थे, उसने भी मदद किसी तरह की मदद नहीं की। ट्रेन के पटना पहुंचने पर यात्रियों ने हंगामा किया। वहीं डाॅक्‍टरों ने महिला को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। पति के बयान पर पटना जीआरपी में मामला दर्ज किया गया है।  

मृतक महिला के पति मो. मोजाहिद ने बताया कि डाउन मगध एक्स्प्रेस के S-6 बोगी में नई दिल्ली से पटना अपनी पत्नी के साथ आ रहे थे। वे मधुबनी जिला के बाबूबरही के मूल निवासी हैं और अपनी 25 वर्षीया पत्नी नसीमा खातून के साथ दिल्ली में रह रहे थे। नसीमा लगभग आठ माह के गर्भ से थीं और वो पीलिया रोग से ग्रसित हो गई थीं।

मोजाहिद ने बताया कि उसे दिल्ली से लेकर अपने गांव मधुबनी जाने के लिए वे लोग मगध एक्सप्रेस से आ रहे थे। अचानक यात्रा के कारण उन्हें बर्थ भी नहीं मिला। ट्रेन में ही बीमार पत्नी का हवाला दिया तो किसी तरह 1500 रुपये लेकर टीटीई ने बर्थ दिए। इलाहाबाद स्टेशन आने के पहले पत्नी की हालत बिगड़ने लगी। पत्नी की बिगड़ती तबीयत को देखते रेलवे द्वारा टोल फ्री 182 पर कॉल कर कंट्रोल को अपनी पत्नी की तबीयत खराब होने की सूचना  दी।

उन्‍होंने बताया कि हेल्पलाइन के अधिकारियों द्वारा मृतका के पति को आश्वासन दिया गया कि इलाहाबाद स्टेशन पर उन्हें मेडिकल इलाज की सुविधा रेलवे की ओर से दी जाएगी, लेकिन इलाहाबाद स्टेशन पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिली। इसके बाद उसी ट्रेन में यात्रा कर रहे एक यात्री चिकित्सक ने गर्भवती को मदद करते हुए उसके पेट से बच्चे को निकाला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और ट्रेन जैसे ही इलाहाबाद स्टेशन से आगे निकली उसी दरम्यान जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई, जबकि ट्रेन में यात्रा कर रहे पैसेंजर व मृत गर्भवती महिला के परिजन ने रेलवे प्रशासन के अधिकारियों के पास बार-बार मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन  कोई गुहार सुनने वाला तैयार नहीं था।

उन्‍होंने बताया कि अधिकारी सिर्फ टालमटोल करते रहे। हैरत की बात यह है कि इलाहाबाद के बाद कई स्टेशनों पर ट्रेन रुकी, लेकिन कोई पूछने तक नहीं आया। बोगी के यात्री शव के साथ ही यात्रा करते रहे। ट्रेन के बक्सर पहुंचने पर कुछ यात्री स्टेशन प्रबंधक के पास जानकारी देने के लिए आये, लेकिन तब तक ट्रेन खुलने लगी और वे लोग फिर बोगी में चले गए। मो.मोजाहिद ने बताया कि मदद की गुहार उन लोगों ने उस टीटीई से भी लगाई, जिसने पैसे लेकर बर्थ दिए थे। उन्होंने भी कुछ करने से साफ मना कर दिया और अगले स्टेशन पर उतर जाने को कहा। 

उधर दानापुर मंडल के सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी संजय कुमार का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है और न ही कोई लिखित शिकायत मिली है। वे इस मामले को अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं और इसकी जांच होगी। हालां‍कि ट्रेन के पटना पहुंचने पर यात्रियों ने हंगामा किया, तो महिला की जांच करायी गयी, लेकिन डाॅक्‍टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि उसकी मौत काफी पहले हो गई थी। मृतका को दो बच्‍चे हैं। वहीं पति के बयान पर पटना जीआरपी में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। 

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