मानव जीवन कल्याण में भक्ति मार्ग सर्वश्रेष्ठ : प्रपन्नाचार्य

मानव जीवन के कल्याण के लिए अनेक साधनों में भक्ति मार्ग सर्वश्रेष्ठ साबित हो रहा है। भक्ति मार्ग द्वारा संसार के सुख शांति को प्राप्त करते हुए परमात्मा की कृपा आसानी से हासिल की जा सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 06:25 PM (IST)
मानव जीवन कल्याण में भक्ति मार्ग सर्वश्रेष्ठ : प्रपन्नाचार्य
मानव जीवन कल्याण में भक्ति मार्ग सर्वश्रेष्ठ : प्रपन्नाचार्य

बक्सर । मानव जीवन के कल्याण के लिए अनेक साधनों में भक्ति मार्ग सर्वश्रेष्ठ साबित हो रहा है। भक्ति मार्ग द्वारा संसार के सुख शांति को प्राप्त करते हुए परमात्मा की कृपा आसानी से हासिल की जा सकती है। यहां भक्ति का अभिप्राय होता है गृहस्थ आश्रम के कार्यो को करते हुए उन कर्मो में भगवान की आज्ञा एवं सता की भावना के लिए समुचित कर्म करना, जो मानव कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय है। उक्त बातें  राघव प्रपन्नाचार्य स्वामी जी महाराज ने आहूत यज्ञ के लिए चतुर्मास यज्ञ के दौरान ओझाबरांव गांव में मंगलवार की शाम श्रीमद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान इन्होंने कहा कि इस कर्म को प्राचीन काल में अनेक ऋषियों ने अपनाया है। इसी मार्ग के अनुयायी श्रीजनक जी महाराज थे। इसी मार्ग द्वारा भक्तराज प्रह्लाद ने भी सर्वशक्तिमान परमात्मा की कृपा प्राप्त कर ली। अत: गृहस्थ आश्रम में रहते हुए मानवों के कल्याण एवं उत्थान का सर्वश्रेष्ठ उपाय भक्ति मार्ग ही है। यहां चातुर्मास्य यज्ञ कर रहे परम संत द्वारा चल रहे श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित हो रहे हैं। मंगलवार की रात यहां आयोजित होने वाले लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की तैयारी को लेकर यज्ञ समिति द्वारा विचार-विमर्श किया गया। यज्ञ समिति के मुन्नाजी ओझा ने कहा कि चार्तुमास्य के बाद आगामी 17 नवंबर को जलभरी एवं शोभा-यात्रा के साथ महायज्ञ शुरू होगा। जो 23 नवंबर तक चलेगा। आयोजन समिति ने जानकारी दिया कि यहां कई संत महात्माओं का आगमन हुआ है। यज्ञ सेवा समिति सदस्य विश्वनाथ ओझा, विजय प्रताप ¨सह, चतुर ओझा, मिथिलेश तिवारी, मोजहिर यादव, शिवजी यादव, श्रीकृष्ण ओझा, अक्षयलाल, लक्ष्मण ओझा एवं सतेंद्र पासवान सहित कई शामिल रहे।

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