अपराधियों के हाथों परिजनों की मौत के बाद से तनाव में रहते थे सर्वजीत

कुछ साल पूर्व अपराधियों ने पैक्स अध्यक्ष सर्वजीत ओझा (35 वर्ष) के पिता व भाई को गोली मारी थी।तभी से वह भयाक्रांत होकर तनावग्रस्त ¨जदगी जी रहे थे। उस समय मौके की नजाकत को देखते हुए प्रशासन न सुर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jan 2019 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jan 2019 11:24 PM (IST)
अपराधियों के हाथों परिजनों की मौत के बाद से तनाव में रहते थे सर्वजीत
अपराधियों के हाथों परिजनों की मौत के बाद से तनाव में रहते थे सर्वजीत

संवाद सूत्र, इटाढ़ी(बक्सर) : कुछ साल पूर्व अपराधियों ने पैक्स अध्यक्ष सर्वजीत ओझा (35 वर्ष) के पिता व भाई को गोली मारी थी।तभी से वह भयाक्रांत होकर तनावग्रस्त ¨जदगी जी रहे थे। उस समय मौके की नजाकत को देखते हुए प्रशासन न सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया था। जिसे करीब तीन- चार महीने पूर्व गार्ड को पैक्स अध्यक्ष की सुरक्षा से हटा दिया गया था। जिससे डर के साए में ¨जदगी गुजारते हुए मौत को गले लगा लिया। गौरतलब हो कि लगभग चार साल पहले सर्वजीत के भाई रणजीत ओझा को बक्सर में अपराधियों ने गोली मारी थी। उस वक्त वे अपनी दुकान बंद कर मित्रलोक कालोनी अपने घर जा रहे थे। अभी बेटे की मौत की आग ठंडी नही तबतक पिता ¨चता हरण ओझा उर्फ कुड़कुड़ ओझा को भी अपराधियों ने इटाढ़ी गैस एजेंसी के पास दिन दहाड़े गोली मार दी। उस वक्त वे अपने गांव से गैस सिलेंडर भरवाने के लिए एजेंसी पर आए हुए थे। इन दोनों घटनाओं के बाद परिवार व समाज की जिम्मेदारी पैक्स अध्यक्ष सर्वजीत ओझा के कंधों पर आ गई। कम उम्र में भाई एवम पिता के शव को कंधों पर उठाने के बाद ¨जदगी तनावग्रस्त बन गई। जिसका दुष्परिणाम सोमवार की सुबह महिला गांव में देखने को मिला। जहाँ फांसी लगाकर सर्वजीत ने जीवन लीला समाप्त कर ली। उनकी आत्महत्या के बाद कई सवाल ऐसे हैं जो अभी भी अनसुलझे हैं। परिवार में तीन असामयिक दर्दनाक घटनाओं के बाद भाई के दो व खुद के दो बच्चों के लालन-पालन से लेकर पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी सर्वजीत के ऊपर ही थी। वैसे तो सब कुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था लेकिन, पिता एवं भाई की मौत ने सर्वजीत को अंदर तक तोड़ दिया था। भाई तथा पिता की हत्या के बाद सरकारी खर्च पर उन्हें गार्ड उपलब्ध कराए गए थे। हालांकि, तकरीबन तीन माह पूर्व गार्ड हटा लिए गए थे। साथ ही कहा गया था कि सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने पर उसका खर्चा उन्हें ही वहन करना होगा। सुरक्षा गार्ड हटने से मन में था अनजाना भय

बताया जा रहा है कि गार्ड हटाए जाने के बाद सर्वजीत के मन में अनजाना भय भी घर कर गया था, जिसको लेकर वह हमेशा तनाव में रहते थे। परिवारिक सूत्रों की माने तो इस तनाव के बीच घुटन भरी ¨जदगी से वह तंग आ गए थे। इधर तकरीबन एक माह से उनकी मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि उनका इलाज वाराणसी से किसी चिकित्सक से कराया जा रहा था। इसी बीच उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। 12 वर्षीय पुत्र ने दी पिता को मुखाग्नि

पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर किया गया, जहां मृतक के 12 वर्षीय पुत्र देवजी ओझा ने कांपते हाथों से अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस ²श्य को देखकर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई। इनसेट.,

..और मां को रोते देख पसीजा लोगों का दिल

संवाद सहयोगी, इटाढ़ी (बक्सर) : बेटे के असामयिक मौत से विधवा मां पर मानों आ़फत टूट पड़ा। वो दहाड़ मार कर रोती रही। जिसे देख आसपास के लोगों का दिल भी पसीज गया। इधर, पैक्स अध्य्क्ष सर्वजीत ओझा की आत्महत्या ने उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। ज्ञात हो कि कुछ वर्ष पूर्व मृतक के छोटे भाई व पिता कुड़कुड़ ओझा उर्फ ¨चताहरण ओझा को अपराधियों ने गोली मार मौत की नींद सुला दिया था। जिससे घर में इकलौता पुरुष मृतक ही था। असमय आत्महत्या से मां का हृदय विदारक चित्कार से लोगों की आंखें भर आती थी। पति और छोटे बेटे को खोने के बाद मां इस पुत्र को देखकर गम भुला कर जीए जा रही थी। लेकिन, इस घटना ने मां और पत्नी सहित बच्चों को भी अनाथ कर दिया। इस घटना से आसपास के लोग भी स्तब्ध थे। साथ ही, मृतक के छोटे बच्चे को देखर शोकाकुल भी थे। पैक्स संघ ने जताया शोक

प्रखंड मुख्यालय स्थित व्यापार मण्डल पर बसुधर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष के असामयिक मृत्यु पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मृतक सर्वजीत ओझा की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मौके पर व्यापार मण्डल अध्य्क्ष बिनोद कुमार ¨सह, इटाढ़ी पैक्स अध्य्क्ष संजय यादव, ईश्वर ¨सह उमाशंकर उपाध्याय, हरिनारायण ¨सह व राजेश ¨सह सहित अन्य ने शोक प्रकट किया।

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