शीतलहर से थर-थर कांपा जिला, न्यूनतम 6.0 डिग्री सेल्सियस पारा

बक्सर मकर-संक्रांति के बाद सोमवार को कहर बनकर शीतलहर ने पूरे जिले को थर-थर कंपाय

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 10:12 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 10:12 PM (IST)
शीतलहर से थर-थर कांपा जिला, न्यूनतम 6.0 डिग्री सेल्सियस पारा
शीतलहर से थर-थर कांपा जिला, न्यूनतम 6.0 डिग्री सेल्सियस पारा

बक्सर : मकर-संक्रांति के बाद सोमवार को कहर बनकर शीतलहर ने पूरे जिले को थर-थर कंपाया। इसकी पुष्टि जिला कृषि केंद्र के लघु तापमापी केंद्र, कुकुढ़ा से भी हुई जब सुबह के 6 बजकर 25 मिनट पर मौसम का न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस रहते दर्ज किया गया। हाड़ कंपाने वाली इस ठंड से राहत के लिए लोगों को दिन में हीटर व अलाव जलाने पड़े।

इस दौरान सुबह 10:00 बजे तक सूर्य बादलों की ओट में छिपे रहे। इसके उपरांत भी धरती पर बिखरी धूप बेअसर साबित हुई। क्योंकि, तकरीबन छह किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली पछुआ शीतलहर हाड़ को बेध रही थी। जिसके कारण लोगों के कनटोप पूरे दिन चढ़े रहे। बढ़ी ठंड में बूढ़े तो क्या युवा भी ठिठुर रहे थे। सर्दी सीजन के अंतिम समय में नहीं चाहते हुए भी लोगों को उलेन दुकानदारों की ओर रुख करना पड़ा। जहां, पीपरपाती रोड में महिलाएं मनमाफिक साइज में अपने व अपने बच्चों के लिए कार्डिगन, साल, स्वेटर आदि की खरीदारी करते दिखीं। वहीं, युवा अपने लिए जैकेट पसंद कर रहे थे। मौके पर सौरभ व मुकेश ने कहा कि अब ठंड की जिच के आगे एक नहीं चलनी है। विचार तो आया था कि अब अगले साल ही कोई अच्छी सी डिजाइन में जैकेट की खरीदारी की जाएगी। लेकिन आज की ठंड ने हिलाकर रख दिया है। दुकानदारों का कहना है की यदि एक सप्ताह ठंड का असर ऐसे ही बना रहा था तो उनके गर्म कपड़ों की बिक्री ढंग की हो जाएगी।

सीजन में उम्मीद से काफी कम बिके ऊलेन कपड़े

गर्म कपड़ों के कारोबारियों का कहना है कि मौसम में बराबर होते रहे उतार-चढ़ाव के कारण इस बार ठंडी के सीजन में उम्मीद से काफी कम ऊलेन कपड़ों की डिमांड रही है। यही वजह रही कि कई दुकानदारों ने गर्म कपड़ों पर 50 फीसद तक की छूट का शिगूफा भी दिया हुआ है। फिलहाल, जो ठंड बढ़ी दिखी है यदि बीस दिन पहले पड़ी होती तो उन्हें इसका भरपूर लाभ मिला होता। दूसरी ओर, गर्म कपड़ों के थोक कारोबारी अजीज, देवनारायण आदि की माने तो अभी भी उनकी तकरीबन 80 फीसद पूंजी गर्म कपड़ों की कम हुई बिक्री में फंसी हुई है।

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