केंद्रीय कारा की बदलेगी सूरत, बैरक होंगे नए

जेल ब्रेक के बाद देश स्तर पर चर्चा में आए आदर्श केंद्रीय कारा के पुराने तथा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके भवन का शीघ्र ही कायाकल्प किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 05:52 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 05:52 PM (IST)
केंद्रीय कारा की बदलेगी सूरत, बैरक होंगे नए
केंद्रीय कारा की बदलेगी सूरत, बैरक होंगे नए

बक्सर । जेल ब्रेक के बाद देश स्तर पर चर्चा में आए आदर्श केंद्रीय कारा के पुराने तथा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके भवन का शीघ्र ही कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए भवन निर्माण विभाग को 2.50 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता विक्रमा प्रसाद ने बताया कि पूर्व में उपयोग ना होने के कारण यह राशि वापस लौट गई थी, जिसे पुन: स्वीकृत करा लिया गया है।

अब टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है। जिसके लिए आरा स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में पत्राचार कर मार्गदर्शन मांगा गया है। मार्गदर्शन प्राप्त होते ही टेंडर निकाला जाएगा। जिसके बाद चयनित कंपनी द्वारा निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। संभावना है कि अक्टूबर तक टेंडर निकालकर कंपनी का चयन करते हुए कार्यारंभ करा दिया जाएगा। बदहाल स्थिति में है जेल परिसर जेल परिसर के अंदर स्थित कैदी वार्ड तथा कारा भवन के साथ-साथ जेल अधीक्षक का निवास भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। यहीं नहीं, जेल की सुरक्षा में लगे महिला एवं पुरुष पुलिस सुरक्षाकर्मियों के रहने के लिए बनाए गए बैरक भी अत्यंत जर्जर अवस्था में हैं। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।  जर्जर भवन में ही दो साल पहले बंद जेल के छह कैदी बड़ी आसानी ने खिड़की उखाड़ जेल से भाग गए थे। वर्ष 2016 के दिसंबर माह में जेल से कैदियों की फरारी के बाद जेल महानिरीक्षक ने प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जेल की दुर्दशा से उन्हें अवगत कराया था। पिछले साल स्वीकृत हुई थी राशि

जुलाई 2017 में प्रधान सचिव द्वारा भवन निर्माण विभाग को दो करोड़ तेइस लाख रुपये की राशि मरम्मत एवं अनुरक्षण के मद में स्वीकृत की गई। तत्कालीन जिलाधिकारी रमन कुमार द्वारा तत्कालीन कार्यपालक अभियंता राजेन्द्र प्रसाद को निर्देशित किया था कि जेल की मरम्मत एवं अनुरक्षण का कार्य तय समय सीमा वित्तीय वर्ष 2017-18 की समाप्ति से पूर्व करा लिया जाए।  बावजूद, वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने के बाद भी भवन निर्माण विभाग द्वारा जेल भवन तथा बैरकों के मरम्मत के प्रति कोई कदम नहीं उठाया गया। जिसके बाद यह राशि लौटा दी गई थी।

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