आसान नहीं है पीजी में दाखिला लेना

भोजपुर । वीर कुंवर ¨सह विश्वविद्यालय के पीजी में दाखिले का सपना संजोने वाले छात्र-छात्राओं क

By Edited By: Publish:Tue, 28 Jun 2016 04:57 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jun 2016 04:57 PM (IST)
आसान नहीं है पीजी में दाखिला लेना

भोजपुर । वीर कुंवर ¨सह विश्वविद्यालय के पीजी में दाखिले का सपना संजोने वाले छात्र-छात्राओं की राह आसान नहीं है। कई विषयों में कटआफ 70 फीसद अंक से उपर जाने की संभावना है। वही कई विषयों में एक सीट पर एक हजार से अधिक दावेदार है। कुल सीटों की संख्या छह हजार के आंकड़े को भी पार नहीं कर रहा है, वही वीकेएसयू से ही हर साल स्नातक की डिग्री लेकर करीब पचास हजार छात्र-छात्राएं निकलते है। पीजी में दाखिला के लिए मारामारी शुरू है। रोहतास, कैमूर और बक्सर जिला के विभिन्न महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए महज 1190 सीट ही निर्धारित है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीजी में नामांकन लेना कोई आसान काम नहीं है।

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रोहतास के तीन कालेजों में महज 670 सीट पर लिया जाता दाखिला :

रोहतास जिला के तीन कालेजों में पीजी की पढ़ाई होती है। वीकेएसयू से संबद्ध एस.पी.जैन कालेज सासाराम, जेएलएन कालेज डेहरी आनसोन व ए.एस. कालेज बिक्रमगंज में पीजी के अलग-अलग विषयों में दाखिला लिया जाता है। एस.पी.जैन कालेज सासाराम में साइंस में दाखिला लेने के लिए छात्र परेशान है। एस.पी. जैन कालेज के प्राचार्य शैलेन्द्र ओझा की मानें तो विज्ञान में सीटों की कम संख्या होने के कारण यहां के छात्र-छात्राओं को दूसरे विवि में दाखिला के लिए जाना पड़ता है। यहां साइंस में महज 150 सीट ही मगध विवि के समय से चला आ रहा है। कमेस्ट्री में 30, जुलोजी में 40, गणित में 60 सीटों पर पीजी में नामांकन लिया जाता है। इतिहास में 60, हिन्दी में 60, अंगेजी में 60, राजनीति शास्त्र में 60, अर्थशास्त्र में 60 सीट निर्धारित है।

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जेएलएन कालेज में दो विषयों में होती है पढ़ाई :

जेएलएन कालेज, डेहरी आनसोन में पीजी की मात्र दो विषयों में पढ़ाई होती है। वह भी केवल राजनीति शास्त्र और मनोविज्ञान विषय में। प्राचार्य की मानें तो राजनीति शास्त्र में महज 60 सीट व मनोविज्ञान में भी 60 सीट पर नामांकन लिया जाता है। इंटर से लेकर स्नातकोत्तर की पढ़ाई का जिम्मा इन शिक्षकों पर है। शिक्षकों की भारी कमी के कारण पठन-पाठन पर असर पड़ता है।

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एएस कालेज बिक्रमगंज में मात्र 120 सीट पर लिया जाता दाखिला :

एएस कालेज विक्रमगंज में पीजी में कुल 120 सीटों पर छात्र-छात्राओं का दाखिला लिया जाता है। प्राचार्य डा.जवाहर लाल की मानें तो अर्थशास्त्र में 60 और इतिहास में 60 सीट पर ही नामांकन के लिए आवेदन भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीट की संख्या बढ़ाने की मांग कई बार विवि से की गई।

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एसभीपी कालेज भभुआ में दो विषयों में होती है पढ़ाई :

कैमूर जिला में एक मात्र एसभीपी कालेज में पीजी की पढ़ाई होती है। वह भी केवल इतिहास और राजनीति शास्त्र में। प्राचार्य की मानें तो इतिहास में 110 सीट पर और राजनीति शास्त्र में 80 सीट पर नामांकन के लिए आनलाइन आवेदन भरा जा रहा है। पीजी में सीटों की कम संख्या होने के कारण इस जिला के छात्र-छात्राओं को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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एमभी कालेज बक्सर में 4 विषयों में होती है पढ़ाई :

एमभी कालेज बक्सर में पीजी की चार विषयों में पढ़ाई होती है। प्रत्येक विषय में एक से लेकर दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। प्राचार्य डा. नवीन कुमार की मानें तो इतिहास में 105 सीट पर, राजनीति शास्त्र में महज 60 सीट पर, मनोविज्ञान में 105 सीट पर और हिन्दी में 60 सीट पर नामांकन लिया जाता है। कई विषयों की पढ़ाई महज एक शिक्षक के भरोसे टिकी है। शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन प्रभावित होता है।

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कहते हैं कुलपति :

वीकेएसयू के कुलपति डा.लीलाचंद साहा ने कहा कि पीजी में सीट बढ़ाने की मांग कई बार राज्य सरकार से की गई। उन्होंने कहा कि सीट वृद्धि की मांग को लेकर दो बार शिक्षा मंत्री अशोक कुमार से और दो बार शिक्षा सचिव से मुलाकात किए। 50 प्रतिशत सीट बढ़ाने का प्रस्ताव विवि की ओर से राज्य सरकार को सौंपा गया है।

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कहते हैं प्राचार्य :

वीकेएसयू से संबद्ध विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों का कहना है कि पीजी में कम सीट निर्धारित होने की वजह से हर साल कालेजों में शिक्षकों समेत छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अधिकांश प्राचार्यों ने सीट वृद्धि की मांग विवि प्रशासन से की है। मगर मांग के अनुसार सीट वृद्धि की स्वीकृत नहीं मिलने के कारण दाखिला लेने वाले छात्रों के मंसूबों पर हर साल पानी फिर जाता है।

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