दहेज उत्पीडऩ की शिकार महिला 18 दिनों से जूझ रही जिंदगी और मौत से, आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर

देवघर धनबाद व आसनसोल के अस्पतालों में पीडि़ा का इलाज करा चुके हैं पिता। डॉक्टरों ने अब पटना किया रेफर। चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत घूटवे गांव में दहेज के खातिर ससुराल वालों जला कर मारने की की थी कोशिश। इलाज के लिए पीडि़ता के पिता के पास नहीं हैं पैसे

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 10:30 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 10:30 AM (IST)
दहेज उत्पीडऩ की शिकार महिला 18 दिनों से जूझ रही जिंदगी और मौत से, आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर
चकाई प्रखंड के चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत घूटवे गांव की घटना।

जमुई, जेएनएन। जिले के चकाई प्रखंड के चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत घूटवे गांव में दहेज के खातिर ससुराल वालों द्वारा एक विवाहिता को जान मारने की नीयत से ङ्क्षजदा जलाने का प्रयास किया था। घटना 8 सितंबर की बताई जा रही है। पीडि़ता 18 दिनों से ङ्क्षजदगी और मौत के बीच झूल रही है। लेकिन आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं। अबतक पुलिस आरोपित तक नहीं पहुंच पाई है।

पीडि़ता के पिता चकाई थाना क्षेत्र के सिमरिया गांव निवासी अनिल शर्मा ने बताया कि घटना के बाद वे अपनी बेटी की इलाज के लिए देवघर, धनबाद व आसनसोल के अस्पतालों में सारी जमा पूंजी खत्म करने के बाद थक हार कर शनिवार को वापस जमुई सदर अस्पताल इलाज के लिए आए हैं। लेकिन यहां से भी पटना रेफर कर दिया गया है। पैसा नहीं रहने को वजह से वे पटना जाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वे अपनी बेटी संगीता देवी की शादी करीब 5 वर्ष पूर्व घुटवे गांव निवासी अजय शर्मा के साथ की थी। शादी के बाद उनकी पुत्री को एक लड़का भी हुआ। लेकिन उसके बाद से ही पति अजय शर्मा और ससुर साफी शर्मा सहित अन्य ससुराल वालों द्वारा मायके से दहेज का बकाया दो लाख रुपए मांग कर लाने को कहा जा रहा था। लेकिन राशि नहीं रहने के कारण वे अपनी बेटी को दो लाख नहीं दे सका। इसी बीच 8 सितंबर की सुबह सात बजे के करीब मेरी बेटी को उसके ससुर साफी शर्मा, भैसुर विजय शर्मा और उसकी पत्नी रीता देवी ने शरीर पर किरासन तेल छिड़ककर आग लगा दिया। जिससे मेरी बेटी जलने लगी और चिल्लाने लगी। इसी बीच ससुराल के सभी लोग फरार हो गए तब तक मेरी बेटी 80 फीसद जल चुकी थी। बेटी की आवाज सुनकर जब कुछ गांव वाले वहां पहुंचे और किसी तरह आग बुझाकर मेरी बेटी की जान बचाई और मुझे सूचना दी। सूचना मिलते ही जब मैं अपने बेटी के घर पहुंचा तो देखा कि मेरी बेटी अधजली स्थिति में गिरी पड़ी है। तब मैंने बेटी को इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे धनबाद रेफर किया गया है। धनबाद में बिगड़ती स्थिति को देखकर उसे आसनसोल रेफर कर दिया गया। पीडि़ता के पिता ने कहा बेटी के इलाज में सभी जमा पुंजी खत्म हो गया है। लेकिन मेरी बेटी अभी तक ङ्क्षजदगी और मौत से लड़ाई लड़ रही है। पीडि़ता के पिता ने पुलिस प्रशासन सेे आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की है।

दो दिन पहले पीडि़ता के स्वजनों द्वारा आवेदन दिया गया है। इससे पूर्व वे लोग महिला का इलाज देवघर में करवा रहे थे। जांच की जा रही है। अनुसंधान के बाद ही मामले की सत्यता सामने आएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

बज्रभूषण ङ्क्षसह, थानाध्यक्ष चंद्रमंडी, जमुई।

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