औरेया के ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव,पुलिस के विरोध मेंनारेबाजी

पुलिस के विरोध में नारेबाजी कर थाना के कुर्सी-टेबल पटकना प्रारंभ कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 03:26 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 03:32 PM (IST)
औरेया के ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव,पुलिस के विरोध मेंनारेबाजी
औरेया के ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव,पुलिस के विरोध मेंनारेबाजी

सत्यम ¨सह(जमुई)। झाझा एक बार फिर सुलगते सुलगते बचा। थाना क्षेत्र के औरेया गांव के महिला एवं पुरूषों की झुंड ने एकाएक झाझा थाना का घेराव कर दिया और पुलिस के विरोध में नारेबाजी कर थाना के कुर्सी-टेबल पटकना प्रारंभ कर दिया। थानाध्यक्ष सिद्धे‌र्श्वर पासवान सहित थाना के सभी जवान अपने-अपने हाथ में डंडा लेकर दौड़े तब ग्रामीण थाना से बाहर निकल चुके थे। इस दौरान थाना में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। इस भीड़ में कुछ ऐसे भी लोग थे जो ग्रामीणों को उकसाने का कार्य कर रहे थे। ग्रामीणों के आक्रोश को देख झाझावासी भी सहम गए और व्यवसायी दुकान से बाहर निकलकर पुलिस और पब्लिक के बीच हो रहे खदेड़ा-खदेड़ी का खेल देखने लगे परंतु भीड़ बाजार से निकलकर सोहजाना मोड़ पहुंच जाने के कारण व्यवसायियों ने राहत की सांस ली। ज्ञात हो कि 90 के दशक में पुलिस-प्रशासन के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने झाझा थाना को ही आग के हवाले कर दिया था। वैसी नौबत तो नहीं थी लेकिन व्यवसायी के मन में वही याद ताजा हो जाती है। इस दौरान थाना का एक कुर्सी टूट गया। थाना में लगा फूल तोड़ दिया गया।

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भीड़ को देख पुलिस ने की पूरी तैयारी

ग्रामीणों की संख्या एवं आक्रोश को देख झाझा पुलिस ने अपनी तैयारी भी पूरी कर ली थी। दंगा सहित अन्य अन्दोलन में उपयोग करने वाले समान एवं टोपी को बाहर निकालकर पुलिस जवाने को देने की तैयारी प्रारंभ हो गई थी। इसके पहले भी डीएसपी भास्कर रंजन एवं थानाध्यक्ष सिद्धे‌र्श्वर पासवान ने आक्रोशित लोगों को समझाते हुए सड़क जाम को तोड़वा दिया। ज्ञात हो कि कई बार झाझा में पुलिस-प्रशासन के विरोध में आन्दोलन हुए हैं।

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सामान लुटते-लुटते बची

सोहजाना मोड़ के पास किए गए सड़क जाम के दौरान भलुआ गांव की ओर से एक ठेला चालक अपने ठेला पर कीमती कम्बल सहित अन्य सामान को लिए चौक पर पहुंचा जिसपर उग्र महिला एवं पुरूष चालक को कुछ न बोलकर ठेला के सामान पर ही टूट पड़े। ठेला चालक किसी तरह सामान बचाने का प्रयास किया लेकिन महिला कुछ सुनने को तैयार नहीं हुई। अंत में महिला पुलिस ने मोर्चा थामा और सामान लेकर भाग रही महिला सहित अन्य लोगों से सामान छीना। किसी तरह ठेला चालक का सामान बच पाया। इस दौरान कीमती कम्बल फट गए। दूसरी ओर जाम स्थल के बगल से चरधरा गांव के एक व्यक्ति साइकिल लेकर गुजर रहा था। उसके साथ भी आक्रोशित लोग उलझ गए। इसी प्रकार एक मोटरसाइकिल चालक एवं एक स्कॉर्पियो भी ग्रामीणों का शिकार बना।

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शव की गाड़ी भी फंसी रही

दो घंटा के इस जाम में सोनो ओर से आई एक लाश लिए वाहन भी आधा घंटा से अधिक समय तक फंसा रहा। पुलिस-प्रशासन एवं बुद्धिजीवियों के काफी सहयोग के बाद सुलतानगंज जा रहे लाश वाहन को जाने को दिया। इसके अलावा झाझा-सोनो मुख्य सड़क एवं झाझा-गिद्धौर मुख्य सड़क पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। जाम के टूटने के बाद वाहन को नियंत्रित करने में पुलिस को घंटों लग गए।

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आन्दोलन में पहुंचे कई नेता

पुलिस-प्रशासन के विरोध में किए गए सड़क जाम के दौरान कांग्रेस, राजद के नेता ग्रामीणों के साथ खड़े दिखे। कई नेताओं ने आक्रोशित ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया तो कई नेता ग्रामीणों के समर्थन में खड़े रहे। मौके पर कंग्रेस के जिला उपाध्यक्ष धर्मदेव यादव, राजद के युवा अध्यक्ष राजकुमार यादव, कामदेव यादव सहित कई लोग उपस्थित थे।

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सड़क जाम मामले में होगी प्राथमिकी

ग्रामीणों के इस हुड़दंगी के मामले में झाझा पुलिस ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। थानाध्यक्ष सिद्धे‌र्श्वर पासवान ने बताया कि मृतक धुटर यादव के शव के साथ पहुंचे महिला एवं पुरूष ने कानून को अपने हाथ में लिया है। थाना में तोड़-फोड़ की। वहीं सड़क जाम के दौरान पुलिस के साथ मारपीट किया गया। किसी का सामान लूटने का प्रयास किया गया है। इस प्रकार के ग्रामीणों के विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। सभी लोगों का वीडियो रिकॉर्डिग किया गया है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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क्या कहते हैं डीएसपी

डीएसपी भास्कर रंजन ने बताया कि धुटर यादव के हत्यारे को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है। वहीं सड़क जाम के दौरान किए गए हुड़दंगी के विरुद्ध भी मामला दर्ज किया जाएगा।

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