सृजन घोटाला भागलपुर : सीबीआइ की तेज कार्रवाई से नेताओं में हड़कंप, करोड़ों की राशि निवेश करने वालों में बेचैनी
सृजन घोटाला भागलपुर करोड़ों की राशि जमीन होटलों मॉल आदि में निवेश करने वाले नेताओं में छायी बेचैनी। जांच में तेजी आने से कई लोग दहशत में आ गए हैं। लगातार सीबीआइ यहां छानबीन कर रही है। मुख्य आरोपी अब तक फरार हैं।
भागलपुर, जेएनएन। सृजन घोटाला भागलपुर : करोड़ों के सृजन घोटाले में सीबीआइ की तेज कार्रवाई से उन नेताओं में हड़कंप है, जो घोटाले से जुड़ी करोड़ों की राशि निवेश कर रखा है। सृजन घोटाले की मास्टर माइंड और सिस्टम को धोखा देने वाली मनोरमा देवी के करीबी रह चुके नेताओं ने बेशकीमती भूखंड, मॉल, होटलों में घोटाले की राशि निवेश कर रखी है। अचानक सीबीआइ की तेज कार्रवाई बाद सिल्क सिटी में सक्रिय एक दर्जन नेता और भू-माफियाओं की बेचैनी एक बार फिर बढ़ गई है। यह बात जांच में सामने आ रही है कि घोटाले की करोड़ों की राशि एक सरकारी सेवक के जरिए भी मनोरमा देवी ने भागलपुर की बाइपास वाली जमीन में लगा रखा है।
घोटाले से जुड़ी राशि जमीन खरीदने में तब लगाया गया जब उस जमीन की पैमाइश बाइपास के नाम पर होने वाली थी। तब यह चर्चा सरकारी महकमे की फाइलों में ही कैद थी। उस समय कई एकड़ जमीन में रुपये निवेश किए गए। रकम निवेश करने में तब मनोरमा देवी के जीवित काल में साये की तरह दिखने वाले लिपिक के शामिल होने की बात कही जा रही है। सृजन घोटाले की रकम भागलपुर, पटना, कोलकाता और बेंगलुरु के अलावा झारखंड के रांची व गोड्डा में भी लगाई गई। एक लिपिक ने तब खुद को एक पूर्व डीजीपी का रिश्तेदार बताकर अपना प्रभाव बना रखा था।
इसी के सहारे वह कार्रवाई की जद से बचता रहा। बताया जा रहा है कि सहकारिता विभाग के प्रशासक की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के बाद सीबीआइ की निगाह में ऐसे निवेश की परत खुलने लगी थी। बताया जा रहा है कि जल्द ही ऐसे सरकारी सेवक सीबीआइ जांच की जद में होंगे। मनोरमा से उपकृत होने वाले ऐसे कई चेहरे जल्द सामने होंगे जो अबतक जांच की जद में नहीं आ सके थे।