मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड से भागलपुर में सुधरेगी खेतों की सेहत, माटी को उपजाऊ रखने के लिए कंपोस्ट का करें प्रयोग

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड से भागलपुर में खेतों की सेहत सुधरेगी। माटी को उपजाऊ रखने के लिए खेतों में कंपोस्‍ट का भी प्रयोग करें। इससे किसानों को कई और फायदे होंगे। भागलपुर में इसको लेकर कृष‍ि कार्यालय में विशेष कार्यक्रम का...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 12:43 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 12:43 PM (IST)
मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड से भागलपुर में सुधरेगी खेतों की सेहत, माटी को उपजाऊ रखने के लिए कंपोस्ट का करें प्रयोग
मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड से भागलपुर में खेतों की सेहत सुधरेगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। संयुक्त कृषि भवन परिसर स्थित आत्मा के सभागार में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण समारोह का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी ने दीप प्रज्वलित कर किया। उस मौके पर उप विकास आयुक्त ने कहा कि पूरी सृष्टि का आरंभ मिट्टी से होता है और अंत भी मिट्टी में ही होता है।

इसी मिट्टी से किसान विविध फसलों का उत्पादन कर पूरे विश्व के मानव जगत को ही नहीं, बल्कि पूरे जीव का भरण-पोषण करते हैं। अत: मिट्टी के महत्व को जानकर इसकी उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए संतुलित उर्वरक का प्रयोग करे। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर केवल रासायनिक खादों का ही प्रयोग न करें, बल्कि हरी खाद, जैविक खाद, नीम से बने उत्पाद और खल्ली आदि का प्रयोग अन्य विकल्प के रूप में करें।

उन्होंने किसानों से अपील की कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रयोग केवल खाद की मात्रा कितनी देनी चाहिए के लिए नहीं, बल्कि अन्य फसलों फूल की खेती, औषधीय पौधे एवं अन्य फसलों का चयन कर खेती करें। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने सबौर, नाथनगर एवं जगदीशपुर के 30 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया। उन्होंने कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने अधीनस्थ प्रसार कर्मियों के माध्यम से जिले के किसानों के बीच मृदा की महत्ता को बनाए रखने के लिए मृदा की जांच के लिए जागरूक किया जाए।

जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए मिट्टी के जांच के महत्व पर प्रकाश डाला। उपस्थित किसानों से जैविक खेती करने, जल जीवन हरियाली अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा संचालित कार्यक्रमों खेत में जल संचयन (खेत पोखरी), ड्रीप एरीगेशन, स्प्रिंकलर एवं चेकडेम को अपनाकर जल संचय करने का आग्रह किया। सहायक निदेशक (रसायन) अविनाश कुमार द्वारा बताया गया कि जिले के इस वर्ष मिट्टी नमूना संग्रह का लक्ष्य 9800 है।

अबतक मिट्टी नमूना संग्रहण 2900 एवं तैयार कुल 1566 मृदा स्वास्थ्य कार्ड जिले के विभिन्न प्रखंडों में विश्व मृदा दिवस का आयोजन कर वितरित किया गया। सहायक निदेशक (उद्यान) विकास कुमार एवं सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) शिल्पी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उप परियोजना निदेशक (आत्मा) प्रभात कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। 

chat bot
आपका साथी