सावन में 'नागफनी' फूल से शिव की पूजा का विशेष महत्व, औषधीय गुणों का है भंडार Bhagalpur News

फूल की आकृति ऐसी होती है कि मानों इसमें शिवलिंग के ऊपर पंचमुखी नाग फन फैलाए हुए हो। इसे शिवलिंग पुष्प भी कहा जाता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Jul 2019 09:49 AM (IST) Updated:Fri, 19 Jul 2019 01:35 PM (IST)
सावन में 'नागफनी' फूल से शिव की पूजा का विशेष महत्व, औषधीय गुणों का है भंडार Bhagalpur News
सावन में 'नागफनी' फूल से शिव की पूजा का विशेष महत्व, औषधीय गुणों का है भंडार Bhagalpur News

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। दुर्लभ फूलों में से एक नागफनी का भोलेनाथ की पूजा का खास महत्व है। इस फूल को लोग साक्षात शिव का प्रतीक मानते हैं। फूल की आकृति ऐसी होती है कि मानों इसमें शिवलिंग के ऊपर पंचमुखी नाग फन फैलाए हुए हो। इसे शिवलिंग पुष्प भी कहा जाता है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) परिसर में इसका करीब सौ वर्ष पुराना विशाल पेड़ है।

सावन में विशेष महत्व

पंडित विजयानंद शास्त्री कहते है कि शिवलिंग फूल का सावन में विशेष महत्व होता है। इस फूल से आराधना करने पर शिव प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भक्तों को शिवालय के पास इस फूल के पौधे लगाने चाहिए।

तैयार किए जा रहे हैं नए पौध

बीएयू के उद्यान प्रभारी डॉ. संजय सहाय ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर इस फूल को बचाने की कवायद लगातार चल रही है। इसके प्रचार प्रसार के लिए इसमें गुटी (कलम) बांधने का काम प्रगति पर है। पूर्व में तैयार किए गए पौधों की बिक्री भी की गई है। इसकी प्रजाति को जीवंत बनाए रखा जाएगा।

औषधीय गुणों का है भंडार

वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. रणधीर कुमार ने बताया कि इस फूल का पेड़ 35 मीटर ऊंचा और पत्तियां गुच्छेदार होती हैं। एक स्टीक में 12 से 15 फूल खिलते हैं। यह पेड़ औषधीय गुणों का भंडार भी है। इसके विभिन्न अंगों का उपयोग तनाव कम करने, सूजन घटाने, पेट दर्द, मलेरिया एवं दांतों के दर्द से निजात पाने के काम आता है।

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