'हम सभी स्वयंसेवक हैं' कहकर भागवत ने की बौद्धिक की शुरूआत, एक घंटा हुआ संबोधन

भागलपुर के आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर में सेामवार को दोपहर तीन बजे से आरएसएस सरसंघचालक मोहन राव भागवत का बौद्धिक शुरू हुआ। एक घंटा उनका बौद्धिक हुआ।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 03:55 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 03:55 PM (IST)
'हम सभी स्वयंसेवक हैं' कहकर भागवत ने की बौद्धिक की शुरूआत, एक घंटा हुआ संबोधन
'हम सभी स्वयंसेवक हैं' कहकर भागवत ने की बौद्धिक की शुरूआत, एक घंटा हुआ संबोधन

भागलपुर (दिलीप कुमार शुक्ला)। भागलपुर का आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर... सोमवार को दोपहर के 2 बजे... गले में प्रवेश पत्र लगाए... सुरक्षाकर्मी और स्वयंसेवकों से जांच प्रक्रिया पूरी कराकर... सभी नि:शब्द प्रवेश कर रहे थे। स्वयंसेवक शालीनता से कार्यक्रम स्थल पर बिना बातचीत किए सरसंघचालक की राह देख थे। बौद्धिक सुनने आने वाले सभी अपेक्षित निर्धारित समय ढाई बजे तक अपना स्थान ग्रहण कर लिए। कार्यक्रम में महिलाएं भी शामिल थीं। चाहे कोई भी हो, किसी भी पद पर हो, कितने बड़े नेता हों या अधिकारी, सभी एक साथ पंक्ति लगाकर नीचे बिछाये गए दरी और चादर पर बैठे।  

हालांकि कुछ कुर्सियां पीछे लगी थी, जिनपर ऐसे व्यक्ति जिनको बैठने में परेशानी हो रही थी, उन्हें बैठने का आग्रह किया गया। सभी का मोबाइल बंद था। लगभग एक हजार लोग उपस्थित थे। लेकिन शोर जरा भी नहीं। सभी लोग सूचनाओं का अक्षरश: पालन कर रहे थे। ढाई बजे मुख्य शिक्षक के सीटी बजते ही सभी एक साथ बैद्धिक मंडप पहुंचे। उनके निर्देश का पालन करते हुए सभी ने एक साथ स्थान ग्रहण किया। इसे बाद एक स्वयंसेवक गीत गा रहे थे और सभी उस गीत को दुहरा रहे थे। तीन बजे तक सामुहिक गीत गाने का सिलसिला चलता रहा। 

निर्धारित तीन बजे से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत का वहां बौद्धिक प्रारंभ हुआ। उनका वाहन अपराह्न 2:55 बजे वहां पहुंचा। जैसे ही तीन बजा संघ प्रमुख मोहन राव भागवत कक्ष में प्रवेश किए। कार्यक्रम के मुख्यशिक्षक ने उतिष्ठ: का आदेश दिया, सभी स्वयंसेवक खड़े हो गए। सरसंघचालक आने के बाद उपविश की आज्ञा होते ही सभी एक साथ जमीन पर बैठ गए। इसके बाद शुरू हुआ अधिकारी परिचय, अमृत वचन और व्यक्तिगत गीत और मोहन राव भागवत का बौद्धिक। बौद्धिक शुरू करने के साथ भागवत ने कहा हम सभी स्वयंसेवक हैं। चार बजे बौद्धिक की समाप्ति भी उन्होंने इसी पंक्ति के भाव से की। इसके बाद वे सभी का अभिवादन करते हुए प्रांत बौद्धिक प्रमुख बालमुकुंद गुप्त के घर पर अल्पाहार करने सवा चार बजे पहुंचे। 

मंच पर इन्हें मिली जगह
बौद्धिक मंच पर सरसंघचालक के अलावा उत्तर—पूर्व (बिहार और झारखंड) क्षेत्र संघचालक सिद्धिनाथ सिंह, क्षेत्र कार्यवाह डॉ मोहन सिंह, भागलपुर विभाग संघचालक नरेश मोहन झा और नगर संघचालक डॉ चंद्रशेखर साह बैठे थे। कार्यक्रम में क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, सह क्षेत्र प्रचारक रामनवमी, क्षेत्र शारीरिक प्रमुख अरूण कुमार, प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, सह क्षेत्र संघ चालक देवव्रत पाहन, क्षेत्र संपर्क प्रमुख अनिल ठाकुर, प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, क्षेत्र सेवा प्रमुख अजय कुमार, प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश पांडेय सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। 

दो बजे ही पहुंच गए भाजपा के कई नेता

बिहार सरकार के राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय, एमएससी डॉ. एनके यादव, पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन, पूर्व विधायक ई. शैलेन्द्र, पूर्व उप मेयर डॉ. प्रीति शेखर, डॉ. मृणाल शेखर, अर्जित चौबे, युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री गौतम कुमार, भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष लीना सिन्हा आदि दो बजे के आसपास वहां पहुंच गए। इनके आने-जाने और निर्देश पालन की वही व्यवस्था थी, जो आम स्वयंसेवकों के लिए निर्धारित किया गया था। इस कार्यक्रम में उन्हें ही आना था, जिनको संघ ने आने लिए सूचित किया था। भागलपुर शहर से ज्यादातर लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा जिले के अन्य भागों, नवगछिया और बांका से भी कुछ स्वयंसेवकों को आमंत्रित किया गया था। जो व्यक्ति इस कार्यक्रम में अपेक्षित थे, उनकी लगभग शत-प्रतिशत उपस्थिति थी।

आकर्षक रंगोली बनाया गया
आनंदराम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में आकर्षक रंगोली बनाया गया है। सभी द्वार रंगोली और फूलों से सजे थे। हर ओर स्वच्छ माहौल था। सड़कें साफ थी। सड़क के दोनों किनारों में सफेद रंग से लाइनिंग किया गया था। बौद्धिक मंडप फूलों से सजाए गए थे।


पुख्ता सुरक्षा इंतजाम
हालांकि सरसंघचालक मोहन राव भागवत को जेड प्लस सुरक्षा है। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस पदाधिकारी और स्वयंसेवक सुरक्षा की कमान संभाले हुए थे। किसी को उनके पास सटने नहीं दिया जा रहा था। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाने वाले लोगोें की भी जांच हो रही थी। विश्राम स्थल से कार्यक्रम स्थल पर एक बंद कार से मोहन राव भागवत पहुंचे। जिनके आगे—पीछे सुरक्षाकर्मियों के वाहनों की कतार लगी थी।  

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