नक्सलियों का संरक्षक निकला तिलकामांझी विश्वविद्यालय का प्रॉक्टर

नक्सलियों को संरक्षण देने के आरोप में भागलपुर पुलिस ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर विलक्षण रविदास समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी रविवार की अल सुबह घनश्याम उर्फ घोघन दा उर्फ घुमना नामक नक्सली की रेलवे स्टेशन से गिरफ्तारी बाद हुई।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2016 02:18 PM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2016 10:53 PM (IST)
नक्सलियों का संरक्षक निकला तिलकामांझी विश्वविद्यालय का प्रॉक्टर

भागलपुर। नक्सलियों को संरक्षण देने के आरोप में भागलपुर पुलिस ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर विलक्षण रविदास समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी रविवार की अल सुबह घनश्याम उर्फ घोघन दा उर्फ घुमना नामक नक्सली की रेलवे स्टेशन से गिरफ्तारी बाद हुई।

आरोपी घनश्याम के पास से नक्सली साहित्य, पिस्तौल और मोबाइल बरामद हुए। उससे करीब दो घंटे की पूछताछ में पुलिस को कई जानकारियां मिली। एसएसपी विवेक कुमार के निर्देश पर गठित टीम में शहरी इलाके के सभी थानेदारों को शामिल कर गिरफ्तार नक्सली के संरक्षक प्रो. विलक्षण के घर दबिश दी गई।

वेलफेयर हॉस्टल-2 के प्रभारी होने के कारण वहां प्रो. विलक्षण के निवास पर छापेमारी की गई। आरोपी प्रोफेसर वहां नहीं मिले। पुलिस टीम ने यहां से मुरारका कॉलेज सुल्तानगंज के अतिथि शिक्षक और पूर्व माले छात्र नेता कपिलदेव मंडल और रात्रि प्रहरी अर्जुन पासवान को हिरासत में ले लिया। पुलिस टीम गिरफ्तार नक्सली घनश्याम को साथ लेकर पहुंची थी।

उसी की निशानदेही पर कपिलदेव मंडल और अर्जुन पासवान को हिरासत में ले लिया गया। उसके बाद पुलिस टीम ने प्रोफेसर विलक्षण के सराय चौक स्थित काली माता मंदिर वाली गली में मौजूद निजी घर पर दबिश दी। वहां प्रोफेसर विलक्षण मौजूद थे।

नक्सली घनश्याम की निशानदेही पर ही पुलिस टीम वहां गई। वहां उस कमरे की भी पहचान घनश्याम ने की जहां उसे और कई नक्सलियों को कई बार ठहराया गया था। कोठी सरीखे उस आवास का नाम इलाके में व्हाइट हाउस के नाम से चर्चित है। वहां पुलिस को नक्सली साहित्य समेत कई ऐसे आपत्तिजनक सामान मिले। पुलिस के मुताबिक ये सामान प्रोफेसर विलक्षण को नक्सली संगठन से सीधे जुड़े होने के साक्ष्य के रूप में काफी हैं।

प्रोफेसर विलक्षण का नाम पूर्व में भी नक्सलियों के मददगार के रूप में समय-समय पर चर्चा में आता रहा है। हालांकि पूछे जाने पर प्रोफेसर विलक्षण ने कहा कि वह नक्सली नहीं हैं, न ही किसी नक्सली को जानते ही हैं। जबकि उनके सामने गिरफ्तार कर लाए गए नक्सली घनश्याम ने कई बार दुहराया कि वह कभी हॉस्टल स्थित उनके आवास और घर पर ठहरा है।

यही नहीं उसके पास से बरामद मोबाइल भी प्रोफेसर विलक्षण के दिए हुए हैं। उनसे कई बार मोबाइल से भी बातें हुई है। पुलिस पदाधिकारियों ने प्रो. विलक्षण के निजी आवास पर भी पुलिसिया पहरा लगा दिया है। घर पर मौजूद किसी भी सदस्य को वहां से निकलने की इजाजत नहीं है।

प्रोफेसर विलक्षण की पत्नी मीना देवी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी यानी सीडीपीओ हैं। मीना देवी ने महिला पुलिस दल के घर में प्रवेश पर काफी शोर मचाया लेकिन जैसे ही पुलिस उनके पति प्रोफेसर विलक्षण को ले जाने लगी वो शांत हो गई। पीछे से कहने लगी कि उन्होंने कुछ नहीं किया है। उन्हें छोड़ दो।

पुलिस प्रोफेसर विलक्षण को अलग रखकर पूछताछ कर रही है। जबकि हॉस्टल परिसर से हिरासत में लिए गए कुलदीप मंडल और अर्जुन पासवान को लेकर हॉस्टल परिसर स्थित प्रो. विलक्षण के आवास में पूछताछ और सर्च अभियान चला रही है।

चिराग के मरते ही एक दर्जन नक्सली भागलपुर में किए थे प्रवेश

पुलिस के अनुसार नक्सली कमांडर चिराग दा के मारे जाने के बाद उसके साथ साये की तरह रहने वाले खूंखार नक्सली जिनकी संख्या एक दर्जन से अधिक रही होगी, वे हथियार समेत भागलपुर सीमा में प्रवेश कर शहरी इलाके में शरण ले लिए थे। वे सभी प्रोफेसर विलक्षण रविदास के यहां ही शरण लिए थे। उनके व्हाइट हाउस और वेलफेयर हॉस्टल वाले आवास पर नक्सलियों को ठहराया गया था। उनके लिए भोजन और उपचार की व्यवस्था की गई थी।

रेल इलाके की रेकी कर अधिकारियों के दौरे की ले रहे थे जानकारी

चिराग के मारे जाने के बाद वहां से भाग कर आए एक दर्जन से अधिक नक्सली प्रोफेसर विलक्षण के संरक्षण में रह रहे थे। यहीं शरण लेकर उनका मकसद पुलिस को बड़ा चोट देने का था। इसी मंशा से घनश्याम समेत अन्य नक्सली रेलगाड़ी से भागलपुर से किऊल रेलवे स्टेशन तक की आवाजाही कर रहे थे।

कहा जा रहा है कि वे रेल अधिकारियों, रेलगाड़ी की स्काट पार्टी, रेल से चलने वाले भागलपुर, बांका, मुंगेर इलाके के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की रेकी कर रहे थे। उनका मकसद था कि कुछ दिनों के अंतराल में पुलिस प्रशासन को बड़ी हानि पहुंचाकर चिराग की मौत का बदला लेना था। इसके लिए संगठन की ओर से रेकी करना शुरू था।

भागलपुर-बांका में बड़ी प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करने के लिए नक्सलियों के दस्ते के टिके होने की बात भी कही जा रही है। पुलिस ने तकनीकी निगरानी से कई सुराग हासिल किए हैं जिससे पुलिस पदाधिकारियों की नींद उड़ गई है। अभी हिरासत में लिए गए चारों लोगों से पूछताछ चल रही है। पुलिस पदाधिकारियों ने प्रोफेसर विलक्षण रविदास समेत तीन अन्य के गिरफ्तार होने की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी पूछताछ चल रही है। विस्तृत ब्यौरा जल्द ही मीडिया के समक्ष रखा जाएगा।

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