भागलपुर: घर-घर में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीज, हर रोज इतने लाख रुपये का टेबलेट खा रहे लोग

सर्दी-खांसी और वायरल फीवर की चपेट में जिले के लोग हैं। पिछले करीब तीन सप्ताह से फीवर सर्दी और खांसी से लोग पीड़ित हो रहे हैं। यहां पर तकरीबन हर रोज 12 लाख रुपये की सर्दी खांसी और बुखार की दवा...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 08:27 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 08:27 AM (IST)
भागलपुर: घर-घर में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीज, हर रोज इतने लाख रुपये का टेबलेट खा रहे लोग
सर्दी-खांसी और वायरल फीवर की चपेट में जिले के लोग हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। वायरल फीवर की चपेट में जिले के लोग हैं। पिछले करीब तीन सप्ताह से फीवर, सर्दी और खांसी से लोग पीड़ित हो रहे हैं। दवाओं की बिक्री भी बढ़ गई है। जिले में प्रतिदिन तकरीबन 10 से 12 लाख रुपये की दवाओं की बिक्री हो रही है वहीं शहरी क्षेत्र में पांच से छह लाख रुपये की दवाएं बेची जा रही हैं। आक्सीमीटर और सैनिटाइजर की बिक्री बंद थी, अब इनमें पांच फीसद की बिक्री बढ़ी है। चिकित्सक के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी अब कोरोना संक्रमण को लेकर जागरुक हुए हैं।

फिजिशियन डा. विनय कुमार झा ने कहा कि क्लीनिक में इलाज करवाने आने वाले 10 मरीजों में छह वायरल फीवर के मरीज हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। सर्दी-खांसी और बुखार से अधिकांश लोग पीड़ित हो रहे हैं। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग अब चिकित्सक से इलाज करवाने के प्रति जागरुक भी हुए हैं। इनमें कई लोगों की एंटीजन या आरटीपीसीआर जांच करवाने पर वे निगेटिव मिल रहे हैं। लेकिन इरीथ्रोमाइसिन, सेट्रीज की दवाएं ही खाने के लिए दी जा रही है। एक सौ डिग्री सेल्सीयस से ज्यादा बुखार होने पर पारासीटामोल खाने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा गाग्रिल और हल्का गर्म पानी पीने की भी सलाह दी जाती है। तीन से चार दिनों में मरीज स्वस्थ हो जाता है।

ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी हुए स्वास्थ्य के प्रति जागरुक

जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम दास कोठारीवाल ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति लोग जागरुक हुए हैं। साथ ही वायरल फीवर, सर्दी-खांसी की दवाओं की बिक्री भी काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में 10 दिन पहले से दवाओं की बिक्री बढ़ गई है जबकि शहरी क्षेत्र में तीन सप्ताह से दवा बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। प्रतिदिन तकरीबन 12 लाख रुपये की दवाएं बिक रही हैं। शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन पांच से छह लाख रुपये की दवाएं बेची जा रही हैं। इसमें इरीथ्रोमाइसिन, कफ सीरप, पारासीटामोल, सेट्रीज आदि दवाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मास्क की बिक्री है। आक्सीमीटर और सैक्नीटाइजर की बिक्री बंद थी लेकिन अब पांच फीसद बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।

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