28 साल पूर्व का जख्म जिंदा कर गई गणेशी यादव की हत्या Bhagalpur News

वर्ष 1991 में बिजली पोल गाडऩे के विवाद को लेकर खूनी रंजिश की शुरुआत कोयली और खुटहा गांव के बीच हुई थी। इस विवाद के कारण गांव में कई लोगों की हत्या भी हो चुकी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 14 Jul 2019 02:32 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jul 2019 05:28 PM (IST)
28 साल पूर्व का जख्म जिंदा कर गई गणेशी यादव की हत्या Bhagalpur News
28 साल पूर्व का जख्म जिंदा कर गई गणेशी यादव की हत्या Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। लोदीपुर के खुटहा पंचायत में बुधवार की रात हुई सेवानिवृत्त फौजी गणेशी यादव की हत्या ने गांव वालों जेहन में 28 साल पूर्व का जख्म जिंदा कर दिया। इस हत्या के बाद गांव वालों के चेहरे पर अलग ही खौफ दिख रहा है। बता दें कि वर्ष 1991 में बिजली पोल गाडऩे के विवाद को लेकर खूनी रंजिश की शुरुआत कोयली और खुटहा गांव के बीच हुई थी। इस विवाद के कारण गांव में कई लोगों की हत्या भी हो चुकी है। एक हत्याकांड में गणेशी यादव भी आरोपित बनाए थे। वे उम्र कैद की सजा काटकर 2016 में जेल से बाहर आए थे।

खूनी संघर्ष छिडऩे की आशंका पर सतर्क है पुलिस

गणेशी यादव की हत्या के बाद एक बार खुटहा गांव सुर्खियों में है। हत्या के बाद इलाके में फिर से खूनी संघर्ष छिडऩे की आशंका है। बुधवार की रात घटी इस घटना की जांच में पुलिस जुट गई। पुलिस पता लगा रही है कि दोनों के पास किस तरह के हथियार थे। वे लाइसेंसी थे या गैरकानूनी। इस बात की जानकारी होने पर पुलिस आम्र्स एक्ट के तहत एक और मामला दर्ज करेगी।

1991 में यूं हुई गैंगवार की शुरुआत

कोइली-खुटहा आसपास के गांव हैं। तब कोइली गांव में बिजली लगनी थी जिसके लिए पोल गिराए गए थे। खुटहा गांव के कुछ लोगों ने रातों रात पोल अपने गांव के रास्तों में गड़वा लिया। यहीं से दोनों गांव के बीच गैंगवार की शुरुआत हुई। कोइली के कुछ लोगों ने खुटहा के कुछ ग्रामीणों पर केस दर्ज करा दिया। थाने में केस दर्ज होने के बाद ही विवाद बढ़ गया। एक दिन दोनों गांव के अलग अलग समूह ने एक-दूसरे को ललकारा। दोनों समूह चिचोरी पोखर के पास इकट्ठा हुए।

दिन-रात होती रही थी गोलीबारी

सुबह से ही दोनों गांव में गोलीबारी शुरू हो गई। दोनों ओर से राइफल, मास्केट समेत अन्य हथियारों से जमकर फायरिंग हुई। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। रात तक दोनों गांवों में गोलीबारी होती रही। पुलिस सूचना मिलने पर गांव आने के लिए निकली। लेकिन अंदर प्रवेश की हिम्मत नहीं कर सकी। पुलिस गांव के बाहर ही खड़ी रही। उस दिन कोइली के व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद इस दुश्मनी में और कई लोगों की मौत हुई।

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