श्रवणी मेला तैयारी पर अभी तक कोई सरकारी निर्देश नहीं
Shravani Mela 2020 श्रावणी मेला की तैयारी अब तक शुरू नहीं की गई है। इस बार मेले पर कोरोना का ग्रहण लगता दिख रहा है। अभी तक सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
भागलपुर, जेएनएन। सुल्तानगंज नगर सभापति नीलम देवी ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि आगामी श्रवणी मेला को लेकर अभी तक संशय की स्थिति बनी है। सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। नगर परिषद मेला की तैयारी अपने स्तर से कर रही है। मेला के लिए आवंटन की मांग को लेकर सरकार को पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद नगर परिषद क्षेत्र में युद्ध स्तर पर विकास कार्य किया जाएगा। नवंबर माह से सात निश्चय योजना में राशि का आवंटन नहीं आया है। इस कारण कई कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। राशि के अभाव में वार्ड संख्या एक से 15 तक की योजनाओं के टेंडर की तिथि को आगे बढ़ाया गया है। सभापति नीलम देवी ने बताया कि उनके पति को झूठे केस में फंसाकर बदनाम करने की साजिश रची गई थी। बुधवार को नगर सभापति नीलम देवी ने पति को हाइकोर्ट के द्वारा जमानत दिए जाने के बारे में भी बताया।
श्रावणी मेला पर संशय की स्थिति से सांसत में हैं लोग
देश में लगाया गया लॉकडाउन तो अब अनलॉक-1 में पहुंच गया है। लेकिन सुल्तानगंज से झारखंड के देवघर तक के लोगों का एक ही सवाल है कि इस वर्ष श्रावणी मेला होगा कि नहीं। सवाल लाजिमी है। यह महज एक मेला नहीं है बल्कि यहां से देवघर तक की बड़ी आबादी की आजीविका इसी पर निर्भर है। लेकिन श्रावणी मेला पर इस वर्ष असमंजस की स्थिति अभी तक बरकरार है। बीते वर्षों में अप्रैल मई महीनों से ही जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक के मेला तैयारी के लिए बैठकों का सिलसिला शुरू हो जाता था। मेले के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिदिन लाख से डेढ़ लाख लोग यहां आकर गंगा जल लेकर पैदल बाबाधाम के लिए प्रस्थान करते हैं। उनके लिए रास्ते में ठहराव पेयजल शौचालय और सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त प्रशासन की ओर से किए जाते हैं। इस तैयारी में दो से ढाई महीनों का समय लग जाता है।
इस वर्ष श्रावण 6 जुलाई सोमवार से शुरू होगा। अर्थात ठीक एक महीने बाद मेला की शुरुआत हो सकती है। लेकिन अब तक जिला से लेकर राज्य सरकार तक ने मेला पर बैठक तो दूर कोई चर्चा तक नहीं कर रही है। ऐसे में लोगों में श्रावणी मेला खासा चर्चा का विषय है। आखिर साल भर की आजीविका का सवाल है।