एक वर्ष में नौ हजार बच्चे कुपोषण से होंगे बाहर

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब तीन लाख बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए पंजीकृत हैं। इनमें से कई बच्चे कुपोषित की श्रेणी में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Mar 2018 10:19 AM (IST) Updated:Sat, 17 Mar 2018 10:19 AM (IST)
एक वर्ष में नौ हजार बच्चे कुपोषण से होंगे बाहर
एक वर्ष में नौ हजार बच्चे कुपोषण से होंगे बाहर

भागलपुर। (राम प्रकाश गुप्ता) केंद्र सरकार अब आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों में कुपोषण की दर को कम करेगी। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब तीन लाख बच्चे स्कूल पूर्व शिक्षा के लिए पंजीकृत हैं। इनमें से कई बच्चे कुपोषित की श्रेणी में हैं। सरकार की योजना है कि प्रति वर्ष तीन प्रतिशत बच्चों को कुपोषण से दूर रखा जाए। इसके हिसाब से साल भर में कम से कम नौ हजार बच्चे इसकी परिधि से बाहर होंगे।

पहले से कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र चल रहा है। अब राष्ट्रीय स्तर पर 'राष्ट्रीय पोषण मिशन कार्यक्रम' को प्रारंभ कर बच्चों में कुपोषण तथा किशोरी व महिलाओं में खून की कमी की शिकायत को दूर करने का कार्यक्रम लांच किया है। यह कार्यक्रम जिले में भी अभी प्रारंभ कर दिया गया है। इसकी परिधि में जिले के सभी क्रियाशील 2356 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इस आशय का निर्देश सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सेविका व सहायिका को दिया गया है।

केंद्र सरकार की इस योजना के तहत पहला लक्ष्य यह है कि ऐसे बच्चों की देखभाल नियमित हो। उनके स्वास्थ्य की भी जांच की जाए। केंद्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था हो। इसके लिए संबंधित सरकारी सेवकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। केंद्रों में साफ-सफाई व टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

पूरक पोषण सेवा

तीन से छह वर्ष के बच्चों को महीने में 25 दिन विशेष आहार की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत गर्म दूध, स्नैक्स, बिस्कुट, फल, भूना हुआ चना, खिचड़ी, रसिया, हलुवा व पुलाव का वितरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हर महीने की 14 तारीख को बच्चों का वजन लिया जाएगा। उनके बीच पोलियो, डिप्थेरिया, टेटनस, टीबी व चेचक की दवा व टीका भी दिए जाएंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों में छह तरह की सेवा तय की गई है। बच्चों के अभिभावक को टेक होम राशन के तहत पौष्टिक आहार भी देने का प्रावधान रखा गया है। सरकार इन माध्यमों से कुपोषण व एनीमिया को दूर करने का प्रयास कर रही है। पूर्व में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है।

'' जिले के सभी 17 परियोजनाओं के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्रीय पोषण मिशन कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया गया है। लक्ष्य है कि एक वर्ष में तीन प्रतिशत बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया जाए। ''

गीतांजलि प्रसाद, डीपीओ, आइसीडीएस, भागलपुर।

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