टूरिज्म हब बन रहा बिहार का मांझीडीह बंगालगढ़, पहले गूंजती थी गोलियां अब सुनाई देती है घटवेनाथ मंदिर के घंटों की आवाज

एक समय था कि बिहार का मांझीडीह बंगालगढ़ रक्तरंजिश होने को बेताब रहता था। यहां आए दिन आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया जाता था। ये सुर्खियों में तब आया जब यहां मुठभेड़ में छह नक्सली मार गिराए गए। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Sat, 29 Jan 2022 07:45 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jan 2022 07:45 PM (IST)
टूरिज्म हब बन रहा बिहार का मांझीडीह बंगालगढ़, पहले गूंजती थी गोलियां अब सुनाई देती है घटवेनाथ मंदिर के घंटों की आवाज
मांझीडीह इलाके में भी बढ़ा पर्यटन, पिकनिक मना रहे लोग।

संवाद सूत्र, जयपुर (बांका) : झारखंड बार्डर से लगा बांका का मांझीडीह बंगालगढ़ उस वक्त चर्चा में आया, जब पुलिस नक्सली मुठभेड़ में एक साथ छह नक्सली मारे गए थे। सुबह से लेकर शाम तक गोलियों की तड़तड़ाहट से इंसान से लेकर जंगल के पशु-पक्षी तक दहल उठे थे। इसके बाद करीब आठ साल तक लोग इस इलाके के रास्ते से भी गुजरने में डरते थे। उसी से सटे जयपुर-जमदाहा मुख्य सड़क पर चांदन नदी तट पर कभी रात तो रात दिन के उजाले में राह चलते राहगीरों की गर्दन पर चाकू रख दी जाती थी। इलाका अब लालगढ़ का कलंक पोछ कर पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना रहा है।

चांदन नदी तट पर स्थित शक्तिपीठ के नाम से विख्यात घटवेनाथ मंदिर इको टूरिज्म नाम से प्रसिद्ध हो रहा है। सावन को छोड़कर सप्ताह के सोमवार एवं शुक्रवार को पर्यटकों से गुलजार है। कहा जाता है रात तो रात दिन के उजाले में भी उस रास्ते लोग अकेले गुजरने से कतराते हैं। जयपुर के एक कपड़ा व्यवसाई को मालबथान हाट से वापस आने के दौरान चांदन नदी तट पर कुछ अपराधियों ने पकड़कर हत्या के इरादे से पास के जंगल में ले गया था। व्यवसाई मौके का लाभ उठाकर जान बचाकर भागने में सफल रहा था। अब वह जंगल सप्ताह के दो दिन सोमवार और शुक्रवार सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों से गुलजार हो रहा है।

लक्ष्मीपुर राजा ने की थी घटवे नाथ की पूजा

बढ़ते पर्यटकों की संख्या और उनके सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है। मन मांगी मुरादें पूरी होने पर लोग यहां बकरे की बलि देखकर आसपास के जंगलों में पिकनिक मनाते हैं। इस मंदिर के बतौर पुजारी भिखारी राय एवं पंचानन राय बताते हैं कि खासकर बरसात के दिनों में आने वाले पर्यटकों को शेड के अभाव में परेशानी होती है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर से शेड का निर्माण किया जाना चाहिए।

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