कोसी-गंगा दियारा: पुलिस पैदल और अपराधी घोड़े पर सवार

विषम भौगोलिक संरचना के कारण यहां अपराधी गिरोहों की तूती बोलती रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Oct 2018 02:34 PM (IST) Updated:Mon, 15 Oct 2018 02:34 PM (IST)
कोसी-गंगा दियारा: पुलिस पैदल और अपराधी घोड़े पर सवार
कोसी-गंगा दियारा: पुलिस पैदल और अपराधी घोड़े पर सवार

खगड़िया (अमित झा): जिले का सीमावर्ती कोसी और गंगा दियारा अपराधियों का चारागाह रहा है। कोसी दियारा खगड़िया, नवगछिया, मधेपुरा और सहरसा जिले में फैला हुआ है। गंगा दियारा का फैलाव खगड़िया, पुलिस जिला नवगछिया तथा मुंगेर जिले तक है। दियारा में यह मुहावरा प्रसिद्ध है-पुलिस पैदल और अपराधी घोड़े पर। विषम भौगोलिक संरचना के कारण यहां अपराधी गिरोहों की तूती बोलती रहती है। शुक्रवार की देर रात्रि गंगा दियारा में अपराधियों से लोहा लेते पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार ¨सह शहीद हो गए। जबकि एक सिपाही दुर्गेश कुमार भी घायल हुए। इस घटना बाद से दियारा की चर्चा जोरों पर है।

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कहां हो रहा है दिनेश मुनि का इलाज

पुलिस कॉ¨म्बग ऑपरेशन चला रही है। दिनेश मुनि और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर सघन ऑपरेशन चलाया जा रहा है। परंतु, दिनेश मुनि अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर है। जानकारी अनुसार उसके पैर में गोली लगी है और वह छिपकर कहीं इलाज करा रहा है। पुलिस सूत्रों की माने तो पैर में गोली लगने बाद उसने महेशखूंट आसपास कहीं प्रारंभिक इलाज कराया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस की नजर कुछेक प्राइवेट क्लीनिक, नर्सिंग होम और ग्रामीण चिकित्सक पर भी है।

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बड़ी घटना घटने पर ही पुलिस की टूटती है नींद और जाता है दियारा पर ध्यान

इसे पुलिस की शिथिलता कहें अथवा लापरवाही, बड़ी घटना के बाद ही

पुलिस प्रशासन सजग होती है और दियारा में का¨म्बग ऑपरेशन का सहारा लेती है। स्थानीय लोगों के अनुसार अगर समय-समय पर दियारा क्षेत्र में कॉ¨म्बग ऑपरेशन चलाया जाए, तो अपराधियों का मनोबल टूटेगा और उसे पांव पसारने का मौका नहीं मिलेगा। बात अगर गंगा दियारा की करें, तो जहां मुख्य नदी प्रवाहित होती है, वहीं इसकी अनेक धारा और उपधारा है। इसके बीच कास-पटेर के जंगल अपराधियों का कवच बनता है। जिसका फायदा अपराधी व नक्सली उठाते रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने का भी लाभ अपराधियों को मिलता है। बड़ी घटना घटने बाद दियारा में पुलिस सक्रियता बढ़ती है और इसके बाद सबकुछ सामान्य हो जाता है। सूत्रों की माने तो कई हथियार तस्कर भी दियारा में शरण लिए हुए हैं। इधर, गोगरी एसडीपीओ पीके झा ने कहा कि दियारा और सीमावर्ती क्षेत्र में कॉ¨म्बग ऑपरेशन चलाकर ही अपराध पर काबू पाया जा सकता है। समय-समय पर कॉ¨म्बग ऑपरेशन चलाया भी जाता है। अपराधी कितना भी ताकतवर क्यों नहीं हो, पुलिस पकड़ से नहीं बच सकता है।

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