JLNMCH : गार्ड को गोली मारने में शामिल था जदयू नेता का भाई Bhagalpur News

JLNMCH में इमरजेंसी के बाहर बाइक लगाने से मना करने पर बदमाशों ने देर रात निजी कंपनी एसएसआइएस के सुरक्षा गार्ड इंद्रजीत को गोली मार दी। इसके बाद वे हवाई फायरिंग करते हुए भाग निकले।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Tue, 16 Jul 2019 02:19 PM (IST) Updated:Tue, 16 Jul 2019 04:39 PM (IST)
JLNMCH : गार्ड को गोली मारने में शामिल था जदयू नेता का भाई Bhagalpur News
JLNMCH : गार्ड को गोली मारने में शामिल था जदयू नेता का भाई Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। मायागंज अस्पताल में रविवार की रात सुरक्षा गार्ड इंद्रजीत कुमार को गोली मारने में आरोपित गोलू साह जदयू नेता विशाल साह का भाई है। विशाल अत्यंत पिछड़ा वर्ग न्याय संघ मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी हैं। गार्ड को गोली मारने मामले में दो लोगों को सोमवार को जेल भेज दिया गया। इनमें मुंदीचक निवासी कुख्यात अविनाश कुमार साह उर्फ गोलू साह और अप्राथमिकी आरोपित हबीबपुर, सालेपुर निवासी गुलशन हरि शामिल है। इस मामले में सुरक्षा गार्ड खंजरपुर निवासी राजेश यादव के बयान पर कचहरी चौक निवासी पवन दुबे, हबीबपुर निवासी रौशन हरि और मुंदीचक निवासी गोलू साह पर केस दर्ज किया गया है। यह जानकारी सिटी डीएसपी राजवंश सिंह ने दी।

आरोपित रौशन और गुलशन की मां अस्पताल में है सफाईकर्मी

गार्ड को गोली मारने मामले के मुख्य आरोपित रौशन हरि की मां कारी देवी मायागंज अस्पताल में सफाई कर्मी है। रौशन का भाई गिरफ्तार गुलशन भी मेडिकल के पीजी हॉस्टल में सफाई का काम करता है। पवन दुबे भी डीटीओ कार्यालय में ऑपरेटर था। पवन अस्पताल में भर्ती अपनी मां को देखने लिए रौशन, गोलू के साथ अस्पताल गया था। इसी दौरान बाइक लगाने के विवाद में गार्ड से युवकों की बहस हो गई। गार्ड और युवकों में धक्का मुक्की के बाद मारपीट शुरू हो गई।

भाई ने रौशन को भगाने में की है मदद

गोलू ने बताया कि जिस समय घटना हुई उसके साथ मुंदीचक, गढ़ैय्या निवासी प्रशांत भी था। गार्ड की पिटाई से उसे मुंह में काफी चोट आई है। इसके अलावा भी कई युवक हैं, जिन्हें मारपीट में चोट आई है। हबीबपुर थानेदार सज्जाद हुसैन और बरारी इंचार्ज सुनील कुमार झा ने गोलू साह और गुलशन को सालेपुर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। गोलू के पास एक गोली, गुलशन के पास रौशन का मोबाइल और बाइक मिली है। छापेमारी के दौरान रौशन पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा। जिस समय पुलिस ने रौशन के घर छापेमारी की, उसके भाई ने देर से गेट खोला। इसी का फायदा उठाकर रौशन भाग निकला।

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