लगातार तीन बार जदयू विधायक रहे जनार्दन मांझी का निधन, वर्तमान में बेटा है नीतीश का मंत्री

बांका जिले के वरिष्‍ठ जदयू नेता जनार्दन मांझी का निधन हो गया। वे 15 वर्षों तक अमरपुर और बेलहर विधानसभा से विधायक थे। उनके निधन से बांका में शोक है। उनके पुत्र बिहार सरकार ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने इसकी पुष्टि की।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 05:45 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 05:45 PM (IST)
लगातार तीन बार जदयू विधायक रहे जनार्दन मांझी का निधन, वर्तमान में बेटा है नीतीश का मंत्री
बांका जिले के जदयू के वरिष्‍ठ नेता जनार्दन मांझी का निधन।

जागरण संवाददाता, बांका। बांका जिले के वरिष्‍ठ जदयू नेता जनार्दन मांझी का निधन 20 जुलाई 2021 को हो गया। वे जिले के बेलहर और अमरपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक थे। 15 वर्ष तक विधायक रहे। वर्ष 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान उन्‍होंने अपनी सीट अमरपुर विधानसभा से अपने पुत्र को जदयू से उतारा। उनके पुत्र जयंत राज कुशवाहा अमरपुर विधानसभा से चुनाव जीते। जयंत राज कुशवाहा बिहार सरकार में मंत्री हैं।

दो बार अमरपुर और एक बार बेलहर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके जनार्दन मांझी का पटना में इलाज के दौरान मंगलवार शाम निधन हो गया है। वे 78 वर्ष के थे। पिछले सप्ताह ही बौंसी आवास पर वे अपने बाथरूम में गिरकर जख्मी हो गए थे। इसके बाद उनका इलाज पटना के एक अस्पताल में चल रहा था। जनार्दन मांझी बिहार सरकार के मौजूदा ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज के पिता थे। उन्होंने 2010 से लगातार जदयू की टिकट पर दो बार अमरपुर विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। पहली बार वे 2005 के विधानसभा चुनाव में बेलहर से जदयू के टिकट पर विधायक बने। नवंबर 2020 के विधानसभा चुनाव में उम्र के कारण ही अपनी जगह अपने बेटे जयंत राज को अमरपुर का टिकट दिलाया। उन्हें चुनाव भी जिताया और वे बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने।

जनार्दन मांझी का जन्म 1943 में बौंसी बाजार के ही समीप कुड़रो पंचायत के सिंघेश्वरी गांव में हुआ। बाद में वे बौंसी बाजार में ही घर बनाकर रहने लगे। 1990 के आसपास पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह ने उन्हें राजनीति में प्रवेश कराया। राज्य परिवहन की नौकरी छोड़ उन्हें बेलहर विधानसभा का चुनाव लड़ाया। बेलहर में पहले राजद के रामदेव यादव को चुनाव हराया। फिर अमरपुर में तीन बार जीते राजद के ही सुरेंद्र सिंह कुशवाहा को हराकर राजनीति से बाहर कर दिया। दिग्विजय सिंह के निधन के बाद वे नीतीश कुमार के करीबी बने। इसके पहले वे एक बार बौंसी से जिला पार्षद भी रह चुके थे। सहज, सरल और मिलनसार छवि के कारण जिला उन्हें लंबे वक्त तक याद रहेगा।

इधर, उनके निधन पर जदयू सांसद गिरिधारी सांसद ने शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि जर्नादन मांझी पार्टी के बफादार सिपाही थे। बेलहर के जदयू विधायक मनोज यादव ने भी शोक प्रकट किया है। पूर्व मंत्री सह बांका विधायक रामनारायण मंडल, पूर्व विधायक मनीष कुमार, रूपेश चौधरी, पूर्व सांसद पुतुल कुमारी आदि ने भी शोक जताया है। उनकी सादगी उनकी पहचान थी।

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