अब मदरसे में भी चलेगा की-बोर्ड, आत्‍याधुनिक भवन में पढ़ेगे बच्‍चे, समृद्ध पुस्‍तकालय भी

सहरसा में मदरसे को अत्‍याधुनिक किया जाएगा। इसकी तैयारी की जा चुकी है। जिला प्रशासन ने डीपीआर बनाकर सरकार को भेज दिया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 04:26 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 04:26 PM (IST)
अब मदरसे में भी चलेगा की-बोर्ड, आत्‍याधुनिक भवन में पढ़ेगे बच्‍चे, समृद्ध पुस्‍तकालय भी
अब मदरसे में भी चलेगा की-बोर्ड, आत्‍याधुनिक भवन में पढ़ेगे बच्‍चे, समृद्ध पुस्‍तकालय भी

सहरसा [कुंदन कुमार]। अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मदरसों की सूरत बदलने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत अब मरदसों में तीन मंजिला भवन के अलावा समृद्ध पुस्तकालय, कंप्‍यूटर प्रयोगशाला, सभाकक्ष, पुस्तकालय, सौर उर्जा संयंत्र, शुद्ध पेयजल संयंत्र आदि लगाए जाएंगे, ताकि वहां शिक्षा ग्रहण करने आए छात्र-छात्राओं को हर तरह की सुविधा मिल सके। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से विचारोपरांत तकनीकी विभाग के सहयोग से डीपीआर बनाकर सरकार को भेज दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इन मदरसों की सूरत बदलेगी।

प्रथम चरण में छह मदरसा के लिए भेजा गया प्रस्ताव

बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना के तहत प्रथम चरण में जिले के छह मदरसों को चिह्नित किया है। मदरसा दारूल उलूम हाकवीन बनाम गंगजला के लिए 23 लाख 86 हजार, मदरसा इस्लामियां तरियामा के लिए एक करोड़ 16 लाख 25 हजार, मदरसा फैजुल उलूम सहरसा बस्ती के तीन करोड़ 20 लाख, मदरसा फजले रहमानी भेलाही के लिए चार करोड़ 61 लाख 45 हजार, मदरसा दारूल उलूम फैजाने वारिस हरेवा के लिए एक करोड़ 23 लाख 64 तथा मदरसा कादरिया अनवारूल उलूम सरवेला के लिए पांच करोड़ 90 लाख दस हजार का प्राक्कलन बनाकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेजा गया है।

अन्य मदरसों के आधारभूत संरचना का होगा विकास

जिले में अधिकांश मदरसों को भवन एवं अन्य आधारभूत संरचना की कमी है। बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना के तहत प्रथम चरण में छह मदरसों को सुदृढ़ किए जाने के बाद शेष मदरसों का डीपीआर बनाया जाएगा। आनेवाले दिनों में जिले के सभी मदरसों की सूरत बदल जाएगी। इससे अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के पठन- पाठन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा

बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना के तहत जिन मदरसों को आधारभूत संरचना की कमी है, उसकी सूरत बदलेगी। इससे बच्चों का आकर्षण बढ़ेगा और अल्पसंख्यक समुदाय के पठन-पाठन पर भी प्रभाव पड़ेगा। जिला स्तर से सरकार को डीपीआर भेज दिया गया है। विभाग ने मदरसों से एलपीसी की मांग की है, वह भेजे जाने के बाद इस दिशा में कार्रवाई तेज हो जाएगी। - रश्मि कुमारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, सहरसा।

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