सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटके लिए बना डीपीआर, शिलान्‍यास भी हुआ, पर नहीं शुरू हुआ काम

लोकसभा चुनाव के पहले आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री से उद्घाटन करा दिया गया। डेढ़ वर्ष बाद भी साहेबगंज में ट्रीटमेंट प्लांट में कार्य शुरू नहीं हुआ।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 27 Aug 2020 02:54 PM (IST) Updated:Thu, 27 Aug 2020 02:54 PM (IST)
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटके लिए बना डीपीआर, शिलान्‍यास भी हुआ, पर नहीं शुरू हुआ काम
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटके लिए बना डीपीआर, शिलान्‍यास भी हुआ, पर नहीं शुरू हुआ काम

भागलपुर, जेएनएन। साहेबगंज में नमामि गंगे योजना के तहत 254.13 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना है। छपरा से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्री नीतिन गडकरी ने 28 फरवरी 2019 को रिमोट से शिलान्यास किया था। लोकसभा चुनाव के पहले आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री से उद्घाटन करा दिया गया। लेकिन, डेढ़ वर्ष बाद भी साहेबगंज में ट्रीटमेंट प्लांट में कार्य शुरू नहीं हुआ। निविदा की प्रक्रिया में उलझ कर रह गई है।

निविदा में पेंच फंसने का यह है मामला

बुडको को निविदा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आधे-अधूरे प्रोजेक्ट पर निविदा होने पर केंद्रीय टीम ने सवाल खड़े किए है। साथ ही बियाडा औद्योगिक क्षेत्र के नाले को जोडऩे का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद नगर विकास सचिव आनंद किशोर ने भी निविदा प्रक्रिया की जांच शुरू की। मुख्य अभियंता बुडको से जवाब भी मांगा है। दरअसल, तहल एजेंसी द्वारा डीपीआर तैयार किया गया था। इसमें कई नालों व इंडस्ट्रीज से निकलने वाले नालों को नजरअंदाज कर दिया गया था। मुख्य अभियंता ने इसको लेकर सफाई दी की डीपीआर में कई प्रकार की त्रुटियां व विसंगतियां थी। जिसकी जानकारी निविदा प्रकाशित होने के बाद मिली। इस संबंध में दो बार बुडको द्वार तहत एजेंसी से स्पष्टीकरण पूछ चुका है। विभाग ने तहत को काली सूची में डालने की तैयारी कर दी है। बुडको अभियंता को नए सिरे से डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है।

65 एमएलडी क्षमता का होगा प्लांट

65 एमएलडी क्षमता वाले ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना है। इसमें 10 पंपिंग स्टेशन में पानी पहुंचाने के लिए 48.56 किलोमीटर मुख्य नाला और 8.98 किलोमीटर ग्रेभिटी मेन नाला निर्माण का डीपीआर तैयार किया गया है।

ये नाले पंपिंग स्टेशन से जुड़ेंगे

शहर के 21 बड़े नालों को पंपिंग स्टेशन से जोडऩे की योजना बनाई गई है। जिसमें बरारी घाट, बूढ़ानाथ, हनुमान घाट, मायागंज, बड़ी खंजरपुर, महाराज घाट, खिरनीघाट, कोयला घाट, आदमपुर, मंदिर घाट, मंसूरगंज, सखीचंद घाट, शांति बाजार, नया बाजार, नयाबाजार दो, विश्वविद्यालय नाला, चंपानगर, कालीघाट, चंपानगर महादलित टोला, चंपापुल रोड़, वार्ड 42 व कृष्णा रोड नाला को शामिल किया गया है।

गंगा में सीधे प्रवाहित नहीं हो इसके लिए नाले के मुहाने को चैनल से जोड़कर ट्रीटमेंट पलंट तक पहुंचाने की योजना है। बरारी से नाथनगर के बीच चैनल को साहेबगंज सीवरेज ट्रीटमेंट प्‍लांट से जोड़ा जाना है। पूरे शहर के नालों का पानी अंडरग्राउंड आरसीसी पाइप के माध्यम से 10 पंपिंग स्टेशन तक पहुंचेगा। इस पंपिंग हाउस से 21 बड़े मास्टर नाले का निर्माण किया जाएगा।

बदहाल हुआ 29 वर्ष पूरा प्लांट

साहेबगंज में केंद्र सरकार के सहयोग से 11 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज सीवरेज प्लांट की स्थापना 1991 में की गई थी। 2001 के बाद प्लांट धीरे-धीरे ध्वस्त हो गया। इस प्लांट में 17 वार्डों के नालों के पानी पहुंचाया जाता था। प्लांट में शोधन कार्य ठप होने की वजह से गंगा में बड़े नालों का पानी सीधे गंगा में गिरने लगा। डीपीआर में संशोधन कर नमामि गंगे को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। यहां स्वीकृति के बाद कार्य शुरू होगी। निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। - चंद्रभूषण, पीआरओ, बुडको पटना

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