पूर्व मंत्री ने किया स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति का अनावरण, ऐसे व्‍यक्त्वि से युवा लें प्रेरणा

पूर्व मंत्री सह वर्तमान विधायक दामोदर रावत ने कहा महान विभूति गुमनाम स्‍वतंत्रता सेनानियों का नाम सामने लाने वाले समाज के जागरूक लोगों के साथ हम हमेशा खड़ा रहेंगे। इसमें हमारी ओर से कोई चूक नहीं होगी। युवाओं को ऐसे महान व्‍यक्तित्‍व से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 08:16 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 08:16 PM (IST)
पूर्व मंत्री ने किया स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति का अनावरण,  ऐसे व्‍यक्त्वि से युवा लें प्रेरणा
पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने प्रतिमा का किया अनावरण

जागरण संवाददाता, जमुई । जमुई के महान स्वतंत्रता सेनानियों की श्रेणी में कुमार कालिका सिंह और रामधारी मंडल के साथी चेथरू बाबू बाघाखांड की मूर्ति का कचहरी चौक के करीब पूर्व मंत्री और वर्तमान झाझा विधायक दामोदर रावत ने विधिवत अनावरण किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जमुई जिला विधिज्ञ संघ के अधिवक्ता गण एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर हुई चर्चा

कार्यक्रम का संचालन जमुई के प्रसिद्ध उद्घोषक डॉक्टर निरंजन कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में चेथरु बाबू के कृतित्व और व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शर्मा चंदेश्वर उपाध्याय, शिशिर दुबे, राज किशोर सिंह, निरंजन कुमार सिंह, डॉ. मासूम रजा, रूपेश सिंह इत्यादि ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की चर्चा कर अधिवक्ताओं की ओर से भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।

गुमनाम शहीदों को वर्तमान पीढ़ी के सामने लाने की जरूरत

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देश के गुमनाम शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को वर्तमान पीढ़ी के सामने लाना एक बड़ा महत्वपूर्ण कार्य है। जिसे चेथरू बाबू के पोते अधिवक्ता मनोज सिंह ने करके दिखाया। इस अवसर पर वक्ताओं ने जमुई के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी मूर्ति बनाकर याद करने की बात कही।

ऐसे कार्यो में हम जनता के साथ

इस अवसर पर पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने कहा कि उनके समक्ष जब भी समाज के जागरूक लोगों ने किसी भी महान विभूति के बारे में चर्चा की और उनके नाम को सामने लाया उन्होंने हर संभव प्रयास कर ऐसे पुनीत कार्य को करने का काम किया है। उन्होंने जमुई के एकमात्र शहीद दुखहरण प्रसाद का स्मारक बनवाया। केदार बाबू जो स्वतंत्रता सेनानी अब नहीं है उन्होंने जमुई के तमाम स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाने का काम किया था लेकिन उनके बाद अब यह काम जमुई के बुद्धिजीवियों को करना होगा। इस अवसर पर जमुई के महान स्वतंत्रता सेनानी जगदीश लोहार और रामधारी मंडल की मूर्ति लगाने का भी आग्रह किया गया। धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता मनोज सिंह ने किया

जमुई की धरती पर 1917 में रखी गई थी स्‍वतंत्रता आंदोलन की नींव

जबकि जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव विपिन कुमार सिन्हा, वरिष्ठ अधिवक्ता धीरेंद्र कुमार सिंह , सीताराम सिंह, सकलदेव यादव इत्यादि ने भी इस कार्यक्रम में भाग लेकर बताया कि जमुई की धरती पर 1917 ई. में स्वतंत्रता आंदोलन की नींव इन्हीं तीन मूर्ति ने रखी थी। 19 दिसंबर 1929 को लाहौर कांग्रेस ने पूर्ण स्वाधीनता का प्रस्ताव पारित कर देश भर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने का ऐलान किया। उसी ऐलान के आलोक में 26 जनवरी 1930 ईस्वी को स्वतंत्रता सेनानी के चेथरू बाबू ने अपने अन्य दो साथियों के साथ तिरंगा फहराया जिसके लिए इन तीनों को चार माह जेल की सजा हुई । 1942 तक तीनों स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे। कार्यक्रम में महान विभूति के परिवार के तमाम सदस्य महिला पुरुष शामिल रहे और सभी ने अन्य गणमान्य लोगों के साथ उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया।

स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा अनावरण पर आयोजन समिति के रवैया से पौत्र क्षुब्ध

स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर ज्वाला प्रसाद ङ्क्षसह उर्फ बाबू चेथरु ङ्क्षसह के पौत्र उनकी प्रतिमा अनावरण समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों की उपेक्षा से क्षुब्ध हैं। पौत्र मुकुल कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि आयोजन समिति से वे आहत और परेशान हैं। प्रतिमा अनावरण समारोह में स्वतंत्रता सेनानी तथा उनके परिवार से नजदीकी ताल्लुक रखने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्रीकृष्ण ङ्क्षसह के परिवार को अलग रखा गया। स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्रीकृष्ण ङ्क्षसह के पुत्र मंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह, मंत्री पौत्र सुमित कुमार ङ्क्षसह एवं पूर्व विधायक अजय को आमंत्रित नहीं किया गया। इसके अलावा जिले के अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी आमंत्रित नहीं किया गया जो आयोजन समिति के संकीर्ण मानसिकता का द्योतक है।

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