बाढ़ का दंश : गंगा के जलस्तर में कमी के साथ ही तेज हुआ कटाव, इन गांवों के लोगों के सूख रहे हलक

कोसी इलाके में गंगा के कटाव से लोग सहमे हुए हैं। जलस्तर में कमी आने के साथ ही कटाव तेज हो गय है। सिग्नल टोला के समीप नदी का तेज दबाब बना हुआ है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कटिहार अंतर्गत सिग्नल टोला के समीप रह रह कर कटाव हो रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sat, 10 Oct 2020 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 10 Oct 2020 09:55 PM (IST)
बाढ़ का दंश : गंगा के जलस्तर में कमी के साथ ही तेज हुआ कटाव, इन गांवों के लोगों के सूख रहे हलक
इस बार भारी बारिश के कारण इस तरह आया था कोसी इलाके में बाढ।

कटिहार, जेएनएन। मनिहारी में गंगा नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही तटीय इलाकों में कटाव की रफ्तार तेज हो गई है। सिग्नल टोला के समीप नदी का तेज दबाब बना हुआ है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कटिहार अंतर्गत सिग्नल टोला के समीप रह रह कर कटाव हो रहा है। यहां गत माह ही 270 मीटर में जियो बैग स्लोप पिङ्क्षचग कार्य हुआ था, जिसमें 140 (एक सौ चालीस) मीटर लंबाई में जियो बैग स्लोप पिङ्क्षचग कार्य गंगा में समाहित हो गया था। इसके रोकथाम के लिएफ्लड फाइङ्क्षटग का कार्य भी हो रहा है, पर गंगा का तेज दबाब बना हुआ है। रह रहकर क्षरण हो रहा है। यहां गंगा नदी गांव के समीप से बह रही है।

कटाव पीडि़तों का ही बसेरा है सिग्नल टोला

सिग्नल टोला में 350 घर है, जो नगर पंचायत के अधीन है। यहां बाल्मीकि महतो के मचान से रेलवे लाइन की दूरी 70 से 75 मीटर बची हुई है। यहां बसे लोग बैजनाथ पुर के कटाव पीडि़त है। गंगा मईया के रुख को देख ग्रामीणों के हलक सूखे हुए हैं। विभाग के अभियंता कटाव की रोकथाम के लिए फ्लड फाइङ्क्षटग कार्य में लगे हुए है। अधिकारी भी जायजा ले चुके है। वही शनिवार को रह रहकर हो रहे गंगा के कटाव के कारण गंगा गांव के करीब आती जा रही है, ठोस व्यवस्था नही होने के कारण गांव की महिलाएं अब हाथ जोड़ लोकगीत गाकर गंगा मईया की मनुहार व गुहार लगा रही है। ग्रामीण ङ्क्षचता देवी, सवीयत्री देवी, लालपरी, सुनीता देवी कहती है की कि करिये बाबू अब त गंगा मईया जे करते। ग्रामीणों ने बताया कि बैजनाथपुर से कटाव पीडि़त हो 25 वर्ष पूर्व यहां आकर सिग्नल टोला में शरण ली। अब यहां भी गंगा कड़ा रुख अपनाए हुए है। कार्य मे लेट लतीफी व गुणवत्ता में कमी के कारण यह स्थिति हुई है। ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि अभी बोरा भरी भरी देइ रहल छै उहो गंगा में चली जाई छै। मचान पर बैठे राजू चौधरी, बेचन महतो, लालबहादुर चौधरी व ङ्क्षबदलाल महतो ने कहा कि कई साल पूर्व गंगा यहां से छह से सात किलोमीटर दूर बहती थी। अब तो गंगा गांव के पास आ गई है। कहते है कि गंगा का रुख काफी कड़ा है। गनीमत है कि पछिया हवा व दखिनाहा हवा अभी अपने मौसम(रुख) में नही है नही तो स्थिति और विकट हो जाती। अब सब कुछ गंगा मईया के रहमोकरम पर है।

कटाव रोधी कार्य पर ग्रामीण उठा रहे सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि बचाव के लिए ऐसा काम हुआ कि सब कुछ गंगा में समा गया। फ्लड फाइङ्क्षटग भी हो रही वह भी गंगा के तेवर के आगे टिक नही पा रहा है। इधर विभाग के कटिहार प्रमंडल के कनीय अभियंता ने कहा कि सिग्नल टोला के समीप गंगा से हो रहे कटाव की रोकथाम के लिए फ्लड फाइङ्क्षटग का कार्य के तहत बीए वायर कैरेट में इसी बैग डालकर कार्य कराया जा रहा है। विभाग पूरी मुस्तैदी के साथ पल पल वस्तुस्थिति पर नजर रखे हुए है। दूसरी तरफ बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल काढ़ागोला के अधीन गांधी टोला (बाघमारा) के समीप बने एंकर के अपस्ट्रीम बाघमारा घाट की ओर दो तीन जगहों पर लूप बनाए हुए है। यहां किसानों की खेती योग्य जमीन गंगा में समा रही है। यहां भी फ्लड फाइटिंग कार्य किया जा रहा है।

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