भागलपुर के डॉक्‍टर कमीशन के चक्‍कर में करते हैं यह खेल

भागलपुर में कमीशन के चक्कर में जेनरिक दवा चिकित्सक नहीं लिखते हैं। जेएलएनएमसीएच समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती मरीजों को खरीदनी पड़ती हैं महंगी दवाएं। सरकार ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जेनरिक दवाओं की दुकानें खोलने का दे रखा है आदेश पर कोई सुनता ही नहीं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 12 Aug 2022 01:59 PM (IST) Updated:Fri, 12 Aug 2022 01:59 PM (IST)
भागलपुर के डॉक्‍टर कमीशन के चक्‍कर में करते हैं यह खेल
10 फीसद जेनरिक दवाएं ही लिखते हैं शहर के डाक्टर।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) समेत अन्य अस्पतालों के डाक्टर कमीशन के चक्कर में मरीजों को जेनरिक दवाएं लिखते ही नहीं। वे सरकार के निर्देशों की भी परवाह नहीं करते। लिहाजा, मरीजों को मजबूरन कई गुना अधिक कीमत चुकाकर ब्रांडेड दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। जबकि सरकार ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों तक में जेनरिक दवा की दुकानें खोलने का आदेश दे रखा है। बावजूद इसके भागलपुर जिले की मात्र चार अस्पतालों में इसकी दुकानें हैं। दबाव पडऩे पर भी शहर के चिकित्सक सिर्फ 10 फीसद जेनरिक दवाएं ही लिखते हैं। इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को तो न के बराबर (मात्र एक से दो प्रतिशत) जेनरिक दवाएं लिखी जाती हैं।

सरकार का निर्देश

सरकार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को केवल जेनरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिया है। लेकिन जेएलएनएमसीएच में ऐसा नहीं होता। स्थिति तो यह कि सख्त हिदायत के बाद ही आउटडोर विभाग में चिकित्सक के चेंबर के आगे ब्रांडेड दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों की भीड़ लगी रहती है। वे अस्पताल अधीक्षक के निर्देश की भी परवाह नहीं करते।

मिलता है मोटा कमीशन

असल में ब्रांडेड कंपनियां दवा लिखने के एवज में चिकित्सकों को मोटा कमीशन देती हैं। इसी वजह से आदेश के बाद भी जेनरिक दवाएं नहीं लिखते।

कुछ माह पहले अस्पताल के आब्स गायनी विभाग में इंटर्न खुले आम ब्रांडेड दवाएं लिख रहे थे। अस्पताल अधीक्षक ने इसपर लगाम लगाई।

कहां-कहां है जेनरिक दवा की दुकान

जिले में 16 स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल है। इनमें से सिर्फ सदर अस्पताल, सुल्तानगंज रेफरल अस्पताल, नाथनगर रेफरल अस्पताल जगदीशपुर और नवगछिया अस्पताल में ही जेनरिक दवाओं की दुकानें हैं। कहलगांव अस्पताल के प्रभारी डा. विवेकानंद दास ने कहा कि जेनरिक दवा दुकान खोलने की व्यवस्था हो गई है। 10 दिनों में दवा बेची जाने लगेगी। नाथनगर रेफरल अस्पताल की प्रभारी डा. अनुपमा सहाय ने कहा कि जेनरिक दवाओं की दुकान खोलने के लिए निविदा निकाली गई है।

जिले में बचे अस्पतालों में भी जेनरिक दवा की दुकान खोलने की प्रक्रिया जारी है। एक माह में दुकानें खुल जाएगी। - डा. उमेश शर्मा, सिविल सर्जन

सरकार का सख्त निर्देश है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को चिकित्सक जेनरिक दवाएं ही लिखेंगे। इस बाबत पत्र विभाग के अध्यक्षों को भी दिया गया है। - डा. कुमार गौरव, प्रभारी अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच

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