बिहार के बांका के आजमतुल्ला गांव में डायरिया का प्रकोप, एक बच्चे समेत तीन की मौत

बिहार के बांका जिले के रजौन प्रखंड स्थित आजमतुल्ला गांव में तेजी से डायरिया फैला है। यहां एक बच्चे समेत तीन की मौत हो गई है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची स्वास्थ्यकर्मियों की टीम इलाज कर रही है....

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 04:42 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 04:42 PM (IST)
बिहार के बांका के आजमतुल्ला गांव में डायरिया का प्रकोप, एक बच्चे समेत तीन की मौत
बांका के रजौन प्रखंड स्थित गांव का मामला...

संवाद सूत्र, रजौन (बांका)। जिले के रजौन प्रखंड क्षेत्र के राजावर पंचायत के आजमतुल्ला गांव में डायरिया से एक बालक सहित दो की मौत हो गई है। जबकि, नौ बच्चे इससे ग्रसित मिले। मृतक पप्पू दास की मौत सदर अस्पताल बांका में इलाज के क्रम में हो गई है। जबकि पांच वर्षीय बालक पीयूष कुमार की मौत एक निजी डाक्टरों के यहां होने की सूचना है। इन दोनों की मौत से इन दोनों के स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

इधर, डायरिया से ग्रसित बच्चों में नवल दास के यहां चार बच्चे जिनमें निकिता भारती, रिया भारती, रोशन कुमार एवं लक्ष्मी कुमारी शामिल हैं । सुबोध दास के बच्चे पीयूष कुमार आशू कुमार एवं कुंदन कुमार शामिल हैं। जिनमें आशीष दास के यहां डोली कुमारी एवं रवि किशन कुमार शामिल हैं। इन गांव में डायरिया फैलने की सूचना पाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंचकर हर व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच कर रही है। टीम द्वारा नाले में ब्लीचिंग पाउडर एवं गैमेक्सीन पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है।

टीम द्वारा ओआरएस एवं अन्य दवाइयां वितरित की जा रही है। साथ ही डायरिया पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया है। ग्रामीण बिहारी दास, गौतम दास, सिकंदर दास, डब्लू दास, नागेश्वर दास एवं विनोद दास ने बताया कि नाले के पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण बीमारी फैली है। पीड़ित छोटू दास एवं नवल दास के घर में लगे चापाकल का पानी दूषित आ रहा है। नल जल योजना यहां शोभा की वस्तु बनी हुई है। जल मीनार का निर्माण कराया गया है। लेकिन चालू नहीं हुआ है। जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। दूषित पेयजल पीने से इन बच्चों में बीमारी फैली है।

'मेडिकल टीम द्वारा सभी बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। साथ ही बीमारी फैलने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।'- राजेश रंजन, स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

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